Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Jul, 2025 04:05 PM

सरकार की प्रधानमंत्री जन औषधि योजना (PMBJP) के तहत देशभर में खुले केंद्रों की वजह से पिछले 11 वर्षों में देश के नागरिकों को लगभग ₹38,000 करोड़ की बचत हुई है। यह जानकारी मंगलवार को संसद में दी गई।
बिजनेस डेस्कः सरकार की प्रधानमंत्री जन औषधि योजना (PMBJP) के तहत देशभर में खुले केंद्रों की वजह से पिछले 11 वर्षों में देश के नागरिकों को लगभग ₹38,000 करोड़ की बचत हुई है। यह जानकारी मंगलवार को संसद में दी गई।
राज्यसभा में एक लिखित जवाब में रसायन और उर्वरक राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि 30 जून 2025 तक देश में कुल 16,912 जन औषधि केंद्र (JAKs) खोले जा चुके हैं। मंत्री ने बताया, “इस योजना के तहत बीते 11 वर्षों में ब्रांडेड दवाओं की तुलना में लोगों को लगभग ₹38,000 करोड़ की बचत हुई है।”
उन्होंने यह भी बताया कि जन औषधि योजना की वजह से घरों की स्वास्थ्य पर होने वाली आउट-ऑफ-पॉकेट खर्च में उल्लेखनीय कमी आई है। 2014-15 में यह खर्च कुल स्वास्थ्य व्यय का 62.6% था, जो 2021-22 में घटकर 39.4% रह गया है (राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा अनुमान के अनुसार)। सरकार अब इस योजना को और विस्तार देने जा रही है। अनुप्रिया पटेल ने कहा, “जन औषधि की पहुंच को और बढ़ाने और खर्च कम करने के उद्देश्य से मार्च 2027 तक 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया है।”
योजना के तहत अब तक 2,110 दवाएं और 315 सर्जिकल, मेडिकल कंज्यूमेबल्स व उपकरण शामिल किए गए हैं, जो सभी प्रमुख रोगों के इलाज से संबंधित हैं। इनमें 61 प्रकार के सर्जिकल उपकरण भी हैं। जन औषधि उत्पाद ब्रांडेड उत्पादों की तुलना में 50-80% तक सस्ते होते हैं। मंत्री ने यह भी बताया कि इस योजना के तहत 2023-24 में ₹1,470 करोड़ और 2024-25 में ₹2,022.47 करोड़ एमआरपी मूल्य की दवाएं बेची गईं।