Edited By Seema Sharma,Updated: 28 Sep, 2020 04:32 PM
संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (CLAT)-2020 के आयोजन से कुछ घंटे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक संदिग्ध कोरोना पॉजिटिव परीक्षार्थी को एक अलग कमरे में प्रवेश परीक्षा देने की अनुमति दी। क्लैट-2020 परीक्षा के माध्यम से 22 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों...
नेशनल डेस्कः संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (CLAT)-2020 के आयोजन से कुछ घंटे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक संदिग्ध कोरोना पॉजिटिव परीक्षार्थी को एक अलग कमरे में प्रवेश परीक्षा देने की अनुमति दी। क्लैट-2020 परीक्षा के माध्यम से 22 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (NLU) में LLB 5 वर्षीय एकीकृत LLB और एलएलएम पाठ्यक्रमों में दाखिला होता है। परीक्षा आज दोपहर दो बजे शुरू होने वाली है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वर्तमान मामले को ध्यान में रखते हुए हम इस राय पर पहुंचे हैं कि छात्र दीपांशु त्रिपाठी को 28 सितंबर, 2020 को एक अलग पृथक कक्ष में क्लैट की परीक्षा देने की अनुमति दी जानी चाहिए। उसके केंद्र अधीक्षक को उसके लिए एक अलग कमरे की व्यवस्था करनी चाहिए।
पीठ में न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और एम आर शाह भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि छात्र यह सुनिश्चित करेगा कि इस आदेश की डाउनलोड की गई कॉपी किसी अन्य गैर-लक्षण वाले व्यक्ति द्वारा उसके केंद्र अधीक्षक के समक्ष यथाशीघ्र पेश की जाए। पीठ ने कहा, ‘‘इस आदेश की प्रति दिए जाने पर, केंद्र अधीक्षक आवेदक को परीक्षा में बैठने के लिए एक अलग कमरा प्रदान करेगा। अन्य उम्मीदवारों के प्रवेश करने के बाद आवेदक केंद्र में प्रवेश करेगा और सबसे पहले परीक्षा केंद्र से निकलेगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र अधीक्षक भी जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी या सरकारी अस्पताल के अधीक्षक से अनुरोध कर सकते हैं कि उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए चिकित्सा कर्मचारी उपलब्ध कराएं।