शरजील इमाम को तगड़ा झटका, दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार

Edited By Yaspal,Updated: 10 Jul, 2020 09:21 PM

sharjil imam s shock delhi high court refuses to grant bail

दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू छात्र शरजील इमाम के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए समय बढ़ाने के आधार को शुक्रवार को सही और न्यायोचित ठहराया तथा इसके खिलाफ दायर आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया। मामला सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित रूप...

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू छात्र शरजील इमाम के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए समय बढ़ाने के आधार को शुक्रवार को सही और न्यायोचित ठहराया तथा इसके खिलाफ दायर आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया। मामला सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से भड़काऊ भाषण से संबंधित एक मामले से जुड़ा है। निचली अदालत में अभियोजन पक्ष द्वारा आवेदन या रिपोर्ट दायर किए जाने तक की गई जांच के ब्योरे और जांच प्राधिकार द्वारा की जाने वाले जांच के बाकी बिंदुओं को पढ़ने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि जांच की अवधि बढ़ाने का निर्णय गलत नहीं हो सकता।

न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव ने 28 जनवरी को गिरफ्तार किए गए इमाम की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसके खिलाफ दर्ज मामले की जांच पूरी करने के लिए पुलिस को और समय दिए जाने के एक निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी। निचली अदालत ने एजेंसी को सख्त गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामले की जांच पूरी करने के लिए वैधानिक 90 दिनों के अलावा तीन और महीने का समय दिया था।

न्यायाधीश ने अपने 54-पृष्ठ के फैसले में कहा, ‘‘अदालत पहले ही कह चुकी है कि जांच का विस्तार करने के लिए सही/न्यायोचित आधार हैं। मेरे उपरोक्त निष्कर्ष के मद्देनजर, याचिकाकर्ता (इमाम) द्वारा दायर की गई वर्तमान याचिका विचार योग्य नहीं है और इसे खारिज किया जाता है।'' उच्च न्यायालय ने उल्लेख किया कि निचली अदालत में दायर अभियोजक की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘वैश्विक कोविड-19 महामारी के कारण 24 मार्च, 2020 से लॉकडाउन लग गया, जिसके कारण जांच की गति गंभीर रूप से बाधित हुई।'' अदालत ने कहा किर यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि इसी के चलते 90 दिनों में जांच पूरी नहीं हो पाई।

न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से फैसला सुनाया और कहा कि फैसले का विस्तृत विवरण अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने इमाम की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि निचली अदालत के आदेश में कोई खामी नहीं है।

गौरतलब है कि इमाम को पिछले साल दिसंबर में यहां जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पास नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन से संबंधित मामले में बिहार के जहानाबाद जिले से 28 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी से 90 दिनों की वैधानिक अवधि 27 अप्रैल को समाप्त हो गई थी।

इमाम वर्तमान में असम पुलिस द्वारा दर्ज यूएपीए से संबंधित एक मामले में गुवाहाटी जेल में बंद है। इमाम शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन आयोजित करने में कथित तौर पर शामिल था, लेकिन वह उस वीडियो के सामने आने के बाद सुर्खियों में आया, जिसमें उसने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक सभा से पहले कथित विवादास्पद टिप्पणी की, जिसके बाद उसपर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया। उसके खिलाफ असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में अलग-अलग मामले भी दर्ज हैं।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!