क्या भंडारा और लंगर खाना चाहिए, जानें जवाब में क्या बोले प्रेमानंद महाराज (VIDEO)

Edited By Updated: 17 Nov, 2024 05:19 PM

should one eat bhandara and langar what premanand maharaj response

प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने सवाल पूछा कि क्या हमें भंडारा या लंगर खाना चाहिए? और क्या इससे हमारे जीवन पर कोई बुरा प्रभाव पड़ता है? इसके जवाब में प्रेमानंद महाराज ने कहा कि भंडारा या प्रसाद खाना एक सामान्य बात है, लेकिन इसका कुछ ध्यान रखना जरूरी...

नेशनल डेस्क: प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने सवाल पूछा कि क्या हमें भंडारा या लंगर खाना चाहिए? और क्या इससे हमारे जीवन पर कोई बुरा प्रभाव पड़ता है? इसके जवाब में प्रेमानंद महाराज ने कहा कि भंडारा या प्रसाद खाना एक सामान्य बात है, लेकिन इसका कुछ ध्यान रखना जरूरी है।

महाराज ने बताया कि जब लोग भंडारा, लंगर या प्रसाद बांटते हैं, तो ये भगवान की दी हुई वस्तुएं होती हैं, जिनका इस्तेमाल दूसरों की सेवा में किया जाता है। हालांकि, यह जरूरी है कि भंडारा या प्रसाद पाने वाले लोग कुछ बातों का ध्यान रखें।

क्या गृहस्थों को भंडारा संभल कर खाना चाहिए?
प्रेमानंद महाराज ने कहा, "अगर आप गृहस्थ हैं और तीर्थ स्थल या मंदिर में गए हैं, तो भंडारा या प्रसाद संभल कर खाना चाहिए। मंदिर में मिल रहा प्रसाद ले सकते हैं, लेकिन अगर बहुत ज्यादा खीर, पकौड़ी, समोसा मिल रहा है, तो उसे कम से कम खाएं।" महाराज ने उदाहरण दिया कि हलुआ-पूड़ी खाने से न तो दिमाग काम करेगा, न ही भजन में मन लगेगा। उन्होंने सलाह दी कि तीर्थ स्थलों पर सिर्फ भक्ति का ध्यान रखें और खाने का लालच न करें। अगर भंडारा मिल रहा है, तो थोड़ा सा लेकर ही खाएं और दूसरों को भी कुछ दें।

भंडारा खाने से पुण्य की प्राप्ति
प्रेमानंद महाराज ने यह भी कहा कि अगर भंडारा या प्रसाद के रूप में कुछ मिल रहा है तो कुछ राशि चढ़ाकर ही खाना चाहिए। अगर होटल में खाने का मूल्य 100 रुपये है, तो आप 50 रुपये देकर ही खा सकते हैं। इस तरह से आप भगवान को अपनी ओर से कुछ चढ़ावा देते हैं और पुण्य कमाते हैं। महाराज ने यह भी कहा कि यदि तीर्थ स्थल पर जाएं, तो किसी के दिए हुए प्रसाद को ज्यादा न खाएं और न ही किसी की निंदा करें। गलत आचरण से बचें और एक दिन उपवासी रह कर अपने आचरण को सुधारें।

प्रेमानंद महाराज का संदेश साफ है कि तीर्थ स्थल पर जाते वक्त हमें किसी भी चीज का लालच नहीं करना चाहिए। भगवान की दी हुई वस्तुओं को समझदारी से ग्रहण करें और अपने आचार-व्यवहार पर विशेष ध्यान दें। भंडारा या लंगर का उद्देश्य केवल सेवा करना है, न कि केवल खाने का मौका पाना।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!