दिल्ली में कृत्रिम वर्षा का सफल परीक्षण; 29 अक्टूबर को पहली बार ‘क्लाउड सीडिंग' की संभावना

Edited By Updated: 24 Oct, 2025 12:22 AM

successful trial of artificial rain in delhi

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बृहस्पतिवार को कहा कि शहर में ‘क्लाउड सीडिंग' के माध्यम से पहली बार कृत्रिम बारिश कराई जाएगी और इस महत्वाकांक्षी प्रदूषण नियंत्रण पहल की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। गुप्ता ने बताया कि इससे पहले दिन में बुराड़ी...

नेशनल डेस्क: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बृहस्पतिवार को कहा कि शहर में ‘क्लाउड सीडिंग' के माध्यम से पहली बार कृत्रिम बारिश कराई जाएगी और इस महत्वाकांक्षी प्रदूषण नियंत्रण पहल की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। गुप्ता ने बताया कि इससे पहले दिन में बुराड़ी क्षेत्र में परियोजना का सफल परीक्षण किया गया। गुप्ता ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘दिल्ली में पहली बार ‘क्लाउड सीडिंग' के माध्यम से कृत्रिम वर्षा कराने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आज विशेषज्ञों द्वारा बुराड़ी क्षेत्र में इसका सफल परीक्षण किया गया है।''

उन्होंने कहा, ‘‘मौसम विभाग ने 28, 29 और 30 अक्टूबर को बादलों की उपस्थिति की संभावना जताई है। यदि परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो 29 अक्टूबर को दिल्ली पहली कृत्रिम बारिश का अनुभव करेगी।'' गुप्ता ने कहा, ‘‘यह पहल न सिर्फ प्रौद्योगिकी की दृष्टि से ऐतिहासिक है, बल्कि दिल्ली में प्रदूषण से निपटने का एक वैज्ञानिक तरीका भी स्थापित करने जा रही है। सरकार का उद्देश्य है कि इस नवाचार के माध्यम से राजधानी की हवा को स्वच्छ और वातावरण को संतुलित बनाया जा सके।''

अधिकारियों ने बताया कि बुराड़ी में परीक्षण के दौरान कृत्रिम वर्षा कराने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सिल्वर आयोडाइड और सोडियम क्लोराइड की थोड़ी मात्रा एक विमान से छोड़ी गई लेकिन हवा में नमी सीमित थी जो 20 प्रतिशत से भी कम थी। ‘क्लाउड सीडिंग' के लिए आमतौर पर लगभग 50 प्रतिशत नमी की आवश्यकता होती है, जिसका अर्थ है कि उस क्षेत्र में कोई वर्षा नहीं हुई है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) -कानपुर ने परीक्षण पर अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘यह उड़ान ‘क्लाउड सीडिंग' की क्षमताओं, विमान की तत्परता और क्षमता, सीडिंग उपकरणों की कार्यक्षमता और सभी संबंधित एजेंसी के बीच समन्वय का आकलन करती है।'' दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने परियोजना के लिए समय पर मंजूरी सुनिश्चित करने में सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गुप्ता को धन्यवाद दिया।

आईआईटी-कानपुर और दिल्ली सरकार द्वारा संयुक्त रूप से विकसित क्लाउड-सीडिंग परियोजना का उद्देश्य दिवाली के बाद के धुंध के मौसम में शहर में कण-प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कृत्रिम वर्षा की एक विधि का परीक्षण करना है। दिल्ली में बहुप्रतीक्षित कृत्रिम वर्षा का प्रयोग चार जुलाई को किया जाना था, लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया। दिल्ली सरकार ने पांच कृत्रिम बारिश परीक्षणों के लिए आईआईटी कानपुर के साथ पिछले महीने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। ये परीक्षण उत्तर-पश्चिम दिल्ली में आयोजित किए जाने की संभावना है।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) सहित 23 विभागों द्वारा अनुमोदित इस परियोजना का उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या कृत्रिम वर्षा सर्दियों में प्रदूषण से निपटने के लिए एक व्यवहार्य समाधान हो सकती है। डीजीसीए ने कृत्रिम बारिश परीक्षण करने के लिए एक अक्टूबर से 30 नवंबर का समय दिया है। परीक्षण के दौरान सुरक्षा, संरक्षा और हवाई यातायात नियंत्रण संबंधी सख्त दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा। डीजीसीए ने विमान नियम, 1937 के नियम 26(2) के तहत अनुमति प्रदान की है। इसके तहत आईआईटी कानपुर का एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग सेसना 206-एच विमान (वीटी-आईआईटी) के जरिये यह परीक्षण कर सकेगा। 

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