Edited By Pardeep,Updated: 26 Nov, 2021 06:57 AM
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक (संघ प्रमुख) मोहन भागवत ने कहा कि भारत के विभाजन की पीड़ा का समाधान बंटवारे को निरस्त
नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक (संघ प्रमुख) मोहन भागवत ने कहा कि भारत के विभाजन की पीड़ा का समाधान बंटवारे को निरस्त करना ही है।
भागवत ने गुरुवार को यहां कृष्णानंद सागर लिखित पुस्तक ‘विभाजनकालीन भारत के साक्षी के लोकार्पण’ समारोह के दौरान अपने संबोधन में कहा कि यह 2021 का भारत है, 1947 का नहीं। एक बार विभाजन हो चुका है, अब दोबारा नहीं होगा। जो ऐसा सोचते हैं, वे खुद खंडित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत की विचारधारा सबको साथ लेकर चलने वाली है। यह अपने को सही और दूसरों को गलत मानने वाली विचारधारा नहीं है।
इस्लामिक आक्रांताओं की सोच इसके विपरीत दूसरों को गलत और अपने को सही मानने वाली थी। पूर्व में यही संघर्ष का मुख्य कारण था। अंग्रेजों की सोच भी ऐसी थी और उन्होंने 1857 के विद्रोह के पश्चात हिंदू-मुस्लिम के बीच विघटन को बढ़ावा दिया। भागवत ने कहा कि हमें इतिहास को पढऩा और उसके सत्य को वैसे ही स्वीकार करना चाहिए। अगर राष्ट्र को सशक्त बनाना है और विश्व कल्याण में योगदान करना है तो उसके लिए हिंदू समाज को सामथ्र्यवान बनना होगा।