सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना को बताया 'राष्ट्रीय संकट', कहा-ऐसे हालात में हम मूक दर्शक बने नहीं रह सकते

Edited By Seema Sharma,Updated: 27 Apr, 2021 03:49 PM

the supreme court told corona a national crisis

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को ‘‘राष्ट्रीय संकट'''' बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह ऐसी स्थिति में मूक दर्शक बना नहीं रह सकता। साथ ही कोर्ट ने साफ किया कि कोरोना के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय नीति तैयार करने पर उसकी स्वत: संज्ञान सुनवाई का मतलब...

नेशनल डेस्क: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को ‘‘राष्ट्रीय संकट'' बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह ऐसी स्थिति में मूक दर्शक बना नहीं रह सकता। साथ ही कोर्ट ने साफ किया कि कोरोना के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय नीति तैयार करने पर उसकी स्वत: संज्ञान सुनवाई का मतलब हाईकोर्ट के मुकद्दमों को दबाना नहीं है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट क्षेत्रीय सीमाओं के भीतर महामारी की स्थिति पर नजर रखने के लिए बेहतर स्थिति में है। पीठ ने कहा कि कुछ राष्ट्रीय मुद्दों पर शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप की आवश्यकता है क्योंकि कुछ मामले राज्यों के बीच समन्वय से संबंधित हो सकते हैं।

PunjabKesari

पीठ ने कहा कि हम पूरक भूमिका निभा रहे हैं, अगर हाईकोर्ट को क्षेत्रीय सीमाओं के कारण मुकद्दमों की सुनवाई में कोई दिक्कत होती है तो हम मदद करेंगे।देश के covid-19 की मौजूदा लहर से जूझने के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर स्थिति का पिछले गुरुवार (22 अप्रैल) को स्वत: संज्ञान लिया था और कहा था कि वह ऑक्सीजन की आपूर्ति तथा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं समेत अन्य मुद्दों पर “राष्ट्रीय योजना” चाहता है।

PunjabKesari

शीर्ष अदालत ने वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन को इलाज का ‘‘आवश्यक हिस्सा'' बताते हुए कहा था कि ऐसा लगता है कि काफी ‘‘घबराहट'' पैदा कर दी गई है जिसके कारण लोगों ने राहत के लिए अलग अलग हाईकोर्ट में याचिकायें दायर कीं।

PunjabKesari

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!