Edited By Radhika,Updated: 29 Apr, 2024 02:00 PM
प्रताप सिंह संग्रहालय कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। एसपीएस संग्रहालय जम्मू-कश्मीर के सदियों पुराने समृद्ध सांस्कृतिक और पारंपरिक इतिहास को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
नेशनल डेस्क: प्रताप सिंह संग्रहालय कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। एसपीएस संग्रहालय जम्मू-कश्मीर के सदियों पुराने समृद्ध सांस्कृतिक और पारंपरिक इतिहास को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है जिसका राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना महत्व है।
एसपीएस संग्रहालय की क्यूरेटर राबिया कुरैशी ने एएनआई को बताया, “हमारे पास संस्कृति और समाज का एक वर्ग है। हमने न केवल जम्मू-कश्मीर की कलाकृतियां रखी हैं। लेकिन गिलिगिट, बाल्टिस्तान और यारकंद...हमने वहां सब कुछ प्रदर्शित किया है। क्योंकि यह पहले जम्मू-कश्मीर राज्य था”।
“यह इतिहास का एक समृद्ध स्रोत है। यदि कोई परामर्श या शोध करना चाहता है तो उसे परामर्श लेना चाहिए। संग्रहालय अपनी जड़ों से जुड़ने का एकमात्र तरीका है। जम्मू-कश्मीर की कलाकृतियाँ सिर्फ यहीं नहीं मिलतीं। वे लॉस एंजिल्स, न्यूयॉर्क में पाए जाएंगे, बहुत सारी कलाकृतियाँ ऑस्ट्रेलिया में हैं,” प्रताप सिंह संग्रहालय में धर्म, संस्कृति, साहित्य और परंपराओं से संबंधित सदियों पुरानी वस्तुएं अच्छी संख्या में उपलब्ध हैं। इसके अलावा देश के अन्य हिस्सों से संबंधित कलाकृतियाँ भी हैं।