Edited By Riya bawa,Updated: 10 Apr, 2020 04:54 PM
कोरोना वायरस का असर अब भारत में तेजी से देखने को मिल रहा है कहा तो यहां तक जा रहा था कि भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन...
नई दिल्ली: कोरोना वायरस का असर अब भारत में तेजी से देखने को मिल रहा है ये भी कहा जा रहा था कि भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा बढ़ गया है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (world health organization) ने अब साफ कर दिया है कि भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन (community transmissions) का खतरा नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर जो रिपोर्ट तैयार की गई थी उसमें थोड़ी गलती हो गई और भारत को भी कम्युनिटी ट्रांसमिशन में दिखा दिया गया। उन्होंने साफ करते हुए कहा कि भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा नहीं है जबकि भारत में क्लस्टर ऑफ केस बढ़े हैं।
रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने भी किया था विरोध
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से सफाई देते हुए कहा गया है कि भारत में कुछ इलाकों में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी है, जिसे क्लस्टर ऑफ केस कहा जाता है। रिपोर्ट में गलती से कम्युनिटी ट्रांसमिशन का जिक्र किया गया, जिससे भारत में कोरोना को लेकर डर देखा गया। कम्युनिटी ट्रांसमिशन उस स्थिति को कहा जाता है, जब संक्रमण के मामले बढ़ते चले जाएं। इस से मुख्य स्त्रोत को तलाशने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। WHO के अनुसार ये वायरस के फैलाव सम्बंधित मामले जैसे कोई पुष्ट मामले नहीं, छिटपुट मामले, क्लस्टर ऑफ केसेज़ तथा कम्युनिटी ट्रांसमिशन की जानकारी सम्बंधित देशों द्वारा ही दी जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट सामने आने के बाद भारत ने अपना विरोध दर्ज कराया था और बताया था कि भारत में कोरोना वायरस तीसरे स्टेज में नहीं पहुंचा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को हुई बैठक में भी कहा था कि अभी तक भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा पैदा नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि लगभग 600 जिलों में से 400 जिले कोरोना से प्रभावित नहीं हैं उन्होंने बताया कि 133 जिलों को हॉटस्पॉट किया गया है और वहां पर विशेष नजर रखी जा रही है।