Edited By Rohini Oberoi,Updated: 15 Dec, 2025 01:07 PM

आदित्य धर की आगामी फिल्म 'धुरंधर' की रिलीज़ के बाद पाकिस्तान के सबसे कुख्यात गैंगस्टरों में से एक रहमान डकैत के बारे में लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है। फिल्म में अक्षय खन्ना ने ल्यारी के इस गैंगस्टर का डरावना किरदार निभाया है। आइए जानते हैं कि असली...
नेशनल डेस्क। आदित्य धर की आगामी फिल्म 'धुरंधर' की रिलीज़ के बाद पाकिस्तान के सबसे कुख्यात गैंगस्टरों में से एक रहमान डकैत के बारे में लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है। फिल्म में अक्षय खन्ना ने ल्यारी के इस गैंगस्टर का डरावना किरदार निभाया है। आइए जानते हैं कि असली रहमान डकैत कौन था, उसका साम्राज्य कैसा था और क्यों अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भी उससे डरता था।
ल्यारी की सड़कों से अपराध के सिंहासन तक
रहमान डकैत का असली नाम सरदार अब्दुल रहमान बलूच था। उसका जन्म कराची के ल्यारी (Lyari) इलाके में हुआ था जो लंबे समय से गैंग कल्चर, ड्रग्स तस्करी और अपराध का केंद्र रहा है। उसका बचपन ही अपराध से घिरा हुआ था। उसके पिता, मोहम्मद दादल, स्वयं एक जाने-माने ड्रग तस्कर थे। रहमान ने सिर्फ 13 साल की उम्र तक अपना पहला हिंसक हमला कर दिया था जो उसकी खून-खराबे से भरी जीवन-शैली की शुरुआत थी।
क्रूरता की हद: अपनी ही मां की हत्या
रहमान डकैत को अन्य गैंगस्टरों से अलग करने वाली चीज़ थी उसकी अविश्वसनीय क्रूरता। उसके खिलाफ सबसे भयानक आरोपों में से एक उसकी अपनी मां की हत्या थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक उसने अपनी मां का गला घोंट दिया और उसके शव को छत के पंखे से लटका दिया था। ऐसा माना जाता है कि उसे शक था कि उसकी मां के संबंध एक विरोधी गैंग के सदस्य से हैं।
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ल्यारी के निवासियों और पुलिस सूत्रों ने बताया कि रहमान का गैंग आतंक के बल पर राज करता था। सिर काटना और शवों को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करना उसके शासन का हिस्सा बन गया था। उसका नाम ही पूरे मोहल्ले में खामोशी लाने के लिए काफी था।
दाऊद इब्राहिम से सीधा टकराव
रहमान डकैत की बदनामी तब चरम पर पहुंच गई जब उसका रास्ता भारत के सबसे वांछित गैंगस्टर, दाऊद इब्राहिम से टकराया। यह टकराव कराची में एक विवादित ज़मीन को लेकर शुरू हुआ था जिसे कथित तौर पर दाऊद के नेटवर्क ने रहमान के साथियों से छीन लिया था। जब बातचीत विफल हो गई तो रहमान ने कथित तौर पर दाऊद के भाई नूर उल हक को किडनैप कर लिया और उसे भयंकर यातनाएं दीं।
नूर उल हक बाद में 2009 में रहस्यमय हालातों में मारा गया। दाऊद इब्राहिम जैसे शक्तिशाली गैंगस्टर को सीधे चुनौती देने का यह दुस्साहस ही वह काम था जिसने रहमान डकैत को आपराधिक दुनिया में 'खौफ का दूसरा नाम' बना दिया क्योंकि दाऊद से पंगा लेकर बहुत कम लोग ज़िंदा बच पाते थे।

ल्यारी गैंग का साम्राज्य
बाबा लाडला और उजैर बलूच जैसे कुख्यात साथियों के साथ मिलकर रहमान ने ल्यारी को लगभग बिना कानून वाला इलाका (Lawless Area) बना दिया था। इस गैंग की क्रूरता कराची के सबसे बुरे दौर की पहचान बन चुकी थी जहां दुश्मनों को डर फैलाने के लिए सबके सामने मारा जाता था।
रहमान डकैत का अंत
रहमान डकैत का खौफनाक राज 9 अगस्त 2009 को खत्म हो गया जब वह कराची में एक पुलिस एनकाउंटर (Police Encounter) में मारा गया। उसकी मौत ल्यारी के गैंग वॉर के एक अध्याय के खत्म होने का प्रतीक थी। हालांकि हिंसा का अंत नहीं हुआ क्योंकि उसके बाद गैंग की लीडरशिप उसके चचेरे भाई उजैर बलूच के हाथों में आ गई।