Edited By Rohini Oberoi,Updated: 14 Dec, 2025 12:13 PM
आज की तेज-रफ्तार और दोहरी जिम्मेदारियों वाली जिंदगी में महिलाएं अक्सर अपने स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ कर देती हैं। घर, परिवार और काम के बीच छोटी-छोटी परेशानियां उन्हें सामान्य लगती हैं लेकिन डॉक्टर चेतावनी देते हैं कि ये साधारण लगने वाले लक्षण ही आगे...
नेशनल डेस्क। आज की तेज-रफ्तार और दोहरी जिम्मेदारियों वाली जिंदगी में महिलाएं अक्सर अपने स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ कर देती हैं। घर, परिवार और काम के बीच छोटी-छोटी परेशानियां उन्हें सामान्य लगती हैं लेकिन डॉक्टर चेतावनी देते हैं कि ये साधारण लगने वाले लक्षण ही आगे चलकर गंभीर बीमारियों का रूप ले सकते हैं। समय रहते इन छिपे हुए संकेतों को समझना और तुरंत सही कदम उठाना हर महिला के लिए बेहद ज़रूरी है।
दिल की बीमारियों के छुपे हुए संकेत
महिलाओं में दिल से जुड़ी बीमारियों (Cardiovascular Diseases) के संकेत अक्सर पुरुषों की तुलना में अलग और कम स्पष्ट होते हैं जिसके कारण लोग इन्हें मामूली समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। अचानक जबड़े में दर्द होना या पीठ में लगातार दर्द बने रहना जो अक्सर गैस या मांसपेशियों का खिंचाव मान लिया जाता है। रोज़मर्रा के छोटे काम करने पर भी असहनीय थकान महसूस होना। थोड़ी देर चलने पर सांस का फूलना या उलझन (Confusion) महसूस होना। ये लक्षण सीने में तेज दर्द (Severe Chest Pain) की तरह नहीं होते लेकिन दिल की रक्त नलिकाओं में रुकावट या दबाव बढ़ने की चेतावनी हो सकते हैं। खुद से इलाज करने के बजाय तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं नॉर्मल नहीं
कई महिलाएं पीरियड्स (Menstrual Cycle) से जुड़ी समस्याओं को यह कहकर टाल देती हैं कि यह हर महिला के साथ होता है जबकि ये लक्षण सामान्य नहीं होते:
अनियमित माहवारी (Irregular Periods)
बहुत ज्यादा दर्द या अत्यधिक ब्लीडिंग
पीरियड्स का अचानक रुक जाना
ये सभी हार्मोनल असंतुलन, पीसीओएस (PCOS) या अन्य गंभीर स्त्री रोगों का संकेत हो सकते हैं। समय पर इलाज न होने पर इनका सीधा असर फर्टिलिटी (Fertility) पर पड़ सकता है।

पेट और पाचन की दिक्कतें भी देती हैं चेतावनी
पाचन तंत्र (Digestive System) की बार-बार होने वाली समस्याओं को मामूली समझने की भूल नहीं करनी चाहिए:
बार-बार गैस, कब्ज, एसिडिटी या पेट दर्द होना।
लंबे समय तक ऐसी परेशानी पाचन तंत्र की गंभीर बीमारी, फूड एलर्जी या डायबिटीज जैसी समस्याओं का शुरुआती संकेत हो सकती है। डॉक्टर की सलाह के बिना लगातार खुद से दवाइयों का इस्तेमाल करना नुकसानदेह हो सकता है।
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थकान और चक्कर आना: कहीं एनीमिया तो नहीं?
कई बार अचानक खड़े होने पर चक्कर आना या चेहरे का रंग फीका पड़ जाना सामान्य कमजोरी मान लिया जाता है लेकिन यह खून की कमी यानी एनीमिया (Anemia) की चेतावनी हो सकती है। महिलाओं में अत्यधिक रक्तस्राव के कारण शरीर में आयरन की कमी हो जाती है जिससे कोशिकाओं तक सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती।

प्रसव के बाद की उदासी को न करें नज़रअंदाज़
प्रसव के बाद का समय भावनात्मक रूप से संवेदनशील होता है लेकिन अगर दो सप्ताह से ज्यादा समय तक उदासी, खालीपन या मन भारी रहने जैसा एहसास बना रहे तो इसे मामूली भावनात्मक बदलाव नहीं मानना चाहिए। यह डिप्रेशन (Depression) का संकेत हो सकता है जिसे पोस्टपार्टम डिप्रेशन (Postpartum Depression) कहते हैं। इसका न केवल माँ के मानसिक स्वास्थ्य पर बल्कि बच्चे की देखभाल और शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। लगातार दर्द (भले ही हल्का हो), बेचैनी या परेशानी को तनाव या काम की वजह मानकर नज़रअंदाज़ न करें। समय पर चिकित्सा जांच ही गंभीर बीमारियों के खतरे को कम करने की कुंजी है।