बनने जा रहा ये दुलर्भ संयोग... साल 2026 में होंगे कुल 13 महीने, जानें इसके पीछे की रहस्मयी वजह

Edited By Updated: 25 Nov, 2025 02:56 PM

this rare coincidence is about to happen the year 2026 will have a 13 months

यह माना जा रहा है कि वर्ष 2026 (विक्रम संवत 2083) धार्मिक रूप से विशेष होगा, क्योंकि इस साल पंचांग में ज्येष्ठ माह में अधिकमास पड़ेगा। इससे वर्ष में कुल 13 महीने होंगे और ज्येष्ठ माह लगभग 58–59 दिनों का रहेगा। अधिकमास हर 32 महीने 16 दिन बाद आता है...

नेशनल डेस्क : अंग्रेजी कैलेंडर में जहां नया वर्ष 1 जनवरी से शुरू माना जाता है, वहीं हिंदू परंपरा में समय की गणना विक्रम संवत के आधार पर होती है। वर्तमान में विक्रम संवत 2082 चल रहा है, जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होकर फाल्गुन मास पर समाप्त होता है।

आने वाला वर्ष 2026 (विक्रम संवत 2083) धार्मिक दृष्टि से बेहद खास रहेगा, क्योंकि इस वर्ष पंचांग में अधिकमास पड़ने वाला है। यह अधिकमास ज्येष्ठ माह में आएगा, यानी 2026 में ज्येष्ठ महीना दो बार रहेगा। एक सामान्य ज्येष्ठ और एक अधिक ज्येष्ठ। इस वजह से ज्येष्ठ माह करीब 58–59 दिनों का होगा। अधिकमास को पुरुषोत्तम मास या मलमास भी कहा जाता है, जिसे आध्यात्मिक साधना और धार्मिक कर्मों के लिए शुभ माना जाता है। यही कारण है कि वर्ष 2083 में कुल 13 महीने होंगे।

यह भी पढ़ें - पति धर्मेंद्र के अंतिम संस्कार के बाद रोती हुईं नजर आई पत्नी हेमा मालिनी

अधिकमास कब रहेगा?

पंचांग के अनुसार:

  • अधिकमास की अवधि: 17 मई 2026 से 15 जून 2026
  • सामान्य ज्येष्ठ माह: 22 मई से 29 जून 2026

जब किसी महीने की अवधि पंचांग में दो बार आती है, तो अतिरिक्त भाग अधिकमास कहलाता है। यह समय लगभग हर 32 महीने 16 दिन बाद आता है, ताकि सूर्य वर्ष और चंद्र वर्ष के बीच होने वाले 11 दिनों के अंतर को संतुलित किया जा सके।

अधिकमास हर तीसरे साल क्यों आता है?

चंद्रमा का मासिक चक्र सूर्य की तुलना में छोटा होता है, जिससे हर साल दोनों की गणना में कुछ दिन का अंतर बढ़ता जाता है। इस अंतर को बराबर करने और पंचांग को संतुलित रखने के लिए हर लगभग तीन साल में एक अतिरिक्त महीना शामिल किया जाता है। इसी अतिरिक्त महीने को अधिकमास कहा जाता है।

अधिकमास में क्या न करें? 

1. विवाह-सगाई और गृहप्रवेश से बचें

अधिकमास को आत्मचिंतन और साधना का समय माना गया है, इसलिए मांगलिक कार्य इस महीने में निषेध माने जाते हैं।

2. प्रॉपर्टी खरीदने से बचें

इस अवधि में बड़े लेन-देन या संपत्ति खरीदने की सलाह नहीं दी जाती। मान्यता है कि यह समय आध्यात्मिक उन्नति के लिए होता है।

3. पूजा-पाठ में लापरवाही न करें

अधिकमास में भगवान विष्णु की विशेष उपासना की जाती है। दान, जप, तप और नियमित पूजा इस माह का मुख्य केंद्र माना जाता है।


 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!