Edited By Anu Malhotra,Updated: 13 Aug, 2025 08:19 AM

अगर आप सोना खरीदने का मन बना रहे हैं, तो अभी एक बेहतरीन मौका हो सकता है। बीते कुछ दिनों में सोने की कीमतों में ज़बरदस्त गिरावट देखने को मिली है और इसकी वजह बनी है अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक छोटा लेकिन असरदार बयान। ट्रंप के "No...
नेशनल डेस्क: अगर आप सोना खरीदने का मन बना रहे हैं, तो अभी एक बेहतरीन मौका हो सकता है। बीते कुछ दिनों में सोने की कीमतों में ज़बरदस्त गिरावट देखने को मिली है और इसकी वजह बनी है अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक छोटा लेकिन असरदार बयान। ट्रंप के "No Tariff on Swiss Gold" कहने भर से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में हलचल मच गई और भारत में सोना करीब 2000 रुपये तक सस्ता हो गया है।
क्या कहा डोनाल्ड ट्रंप ने?
ट्रंप ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा, No Tariff on Swiss Gold, यानी स्विस सोने पर कोई आयात शुल्क नहीं लगाया जाएगा। यह बयान ऐसे समय आया जब दुनिया भर में अमेरिका की टैरिफ नीति को लेकर चिंता बनी हुई थी। हर बार जब ट्रंप किसी देश पर टैरिफ लागू करने की बात करते हैं, बाजार में घबराहट फैल जाती है, लेकिन इस बार सोने पर राहत देने की घोषणा से निवेशकों की धारणा बदल गई।
कैसे और क्यों गिरी सोने की कीमत?
इस ऐलान के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड की मांग में नरमी आई, जिसका असर सीधे भारत के बाज़ार पर पड़ा। दिल्ली में 24 कैरेट सोना दो दिन में करीब ₹1900 से ज्यादा सस्ता हो गया।
इसके पीछे कुछ अन्य वजहें भी हैं:
जियोपॉलिटिकल तनाव में कमी: ट्रेड वॉर की आशंका फिलहाल थमी है।
फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती: इससे डॉलर मजबूत हुआ और सोने की कीमत पर दबाव पड़ा।
टैरिफ का डर खत्म: निवेशकों का ध्यान अन्य एसेट क्लास की ओर गया।
ताज़ा सोना और चांदी रेट (12 अगस्त 2025 को)
कैरेट सोने की कीमत (प्रति 10 ग्राम)
24K ₹99,549
22K ₹91,187
18K ₹74,662
14K ₹58,236
चांदी की कीमत: ₹1,13,313 प्रति किलोग्राम
(23 जुलाई को यह 1,15,850 रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर थी)
क्या अब और सस्ता होगा सोना?
बाजार विशेषज्ञों की मानें तो फिलहाल सोने की कीमतों में तेज़ी की संभावना कम है। ट्रंप के टैरिफ वाले बयान से यह साफ हो गया है कि स्विस गोल्ड पर कोई नया टैक्स नहीं लगेगा, जिससे कीमतों पर दबाव बना रह सकता है। हालांकि, अगर फिर से वैश्विक तनाव बढ़ता है, तो सोने की सेफ हेवन डिमांड बढ़ सकती है और कीमतें एक बार फिर ऊपर जा सकती हैं। इसलिए यह समय लॉन्ग टर्म इनवेस्टर्स के लिए मौका हो सकता है।