Vice President Election 2025: अगर जनता नहीं करती तो आखिर कौन चुनता है देश का उपराष्ट्रपति? जानें इस चुनाव का पूरा गणित

Edited By Updated: 08 Sep, 2025 11:24 AM

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भारत में उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने जा रहा है। 9 सितंबर 2025 को संसद भवन में मतदान होगा, जिसके बाद तुरंत मतगणना होगी और उसी दिन परिणाम भी घोषित कर दिया जाएगा। इस चुनाव में दो प्रमुख उम्मीदवार हैं: NDA की ओर से सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी...

नेशनल डेस्क: भारत में उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने जा रहा है। 9 सितंबर 2025 को संसद भवन में मतदान होगा, जिसके बाद तुरंत मतगणना होगी और उसी दिन परिणाम भी घोषित कर दिया जाएगा। इस चुनाव में दो प्रमुख उम्मीदवार हैं: NDA की ओर से सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी गठबंधन INDIA की ओर से बी. सुदर्शन रेड्डी।

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उपराष्ट्रपति चुनाव में कौन करता है मतदान?

उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया राष्ट्रपति चुनाव से अलग होती है। इसमें सिर्फ संसद सदस्य ही वोट डालते हैं।

  • मतदाता: लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों के सभी सदस्य मतदान करते हैं। इसमें निर्वाचित और मनोनीत (nominated) दोनों तरह के सांसद शामिल होते हैं।
  • मतदाताओं की संख्या: साल 2025 में कुल 782 सांसद इस चुनाव में वोट डालेंगे। इनमें लोकसभा के 542 और राज्यसभा के 240 सदस्य (वर्तमान संख्या) शामिल हैं। कुछ सीटें खाली होने के कारण वास्तविक संख्या थोड़ी कम हो सकती है।
  • वोट का मूल्य: हर सांसद का वोट बराबर गिना जाता है।

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उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया-

  1. निर्वाचक मंडल की लिस्ट: सबसे पहले चुनाव आयोग यह तय करता है कि कौन-कौन वोट डालेगा। उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही मतदाता होते हैं।
  2. चुनाव की अधिसूचना: चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान करता है। इस बार अधिसूचना 7 अगस्त 2025 को जारी हुई थी, जिसके साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई। उम्मीदवार 21 अगस्त तक नामांकन कर सकते थे और 25 अगस्त को नाम वापस लेने की आखिरी तारीख थी।
  3. नामांकन के लिए सांसदों का समर्थन: कोई भी व्यक्ति उपराष्ट्रपति पद के लिए तभी उम्मीदवार बन सकता है जब कम से कम 20 सांसद उसके नाम का प्रस्ताव करें और 20 अन्य सांसद उसका समर्थन करें। इसका मतलब है कि नामांकन के लिए कुल 40 सांसदों का समर्थन जरूरी है।
  4. वोटिंग प्रक्रिया: उपराष्ट्रपति चुनाव गुप्त मतदान से होता है। इसमें एक खास वोटिंग सिस्टम, जिसे 'सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम' (STV) कहते हैं, का इस्तेमाल होता है।
    • सांसद बैलेट पेपर पर अपनी पसंद के उम्मीदवारों को प्राथमिकता के हिसाब से 1, 2, 3... लिखकर वोट देते हैं।
    • जिस उम्मीदवार को कुल वोटों का 50% से ज्यादा वोट पहले ही चरण में मिल जाता है, वह जीत जाता है।
    • अगर किसी को बहुमत नहीं मिलता, तो सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को बाहर कर दिया जाता है। उसके वोट दूसरी पसंद के उम्मीदवार को ट्रांसफर हो जाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक कोई उम्मीदवार बहुमत हासिल न कर ले।
  5. मतदान और परिणाम एक ही दिन: उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान और मतगणना एक ही दिन होती है। 9 सितंबर 2025 को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक वोटिंग होगी और इसके तुरंत बाद ही गिनती शुरू हो जाएगी। उसी रात तक यह तय हो जाएगा कि भारत का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा।

 

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