Edited By Seema Sharma,Updated: 19 Jun, 2022 10:19 AM
विदेश मंत्री एस जयशंकर कहा कि जब तक लद्दाख समेत अन्य मुद्दे हल नहीं हो जाते तब तक चीन के साथ रिश्ते पूरी तरह से सामान्य होने में वक्त लगेगा।
नेशनल डेस्क: विदेश मंत्री एस जयशंकर कहा कि जब तक लद्दाख समेत अन्य मुद्दे हल नहीं हो जाते तब तक चीन के साथ रिश्ते पूरी तरह से सामान्य होने में वक्त लगेगा। इसी बीच विदेश मंत्री ने कहा कि भारत लगातार इस बात पर कायम रहा है कि एलएसी पर शांति बनी रहे। साथ ही द्विपक्षीय संबंध भी बरकरार रहे। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ भारत का इतिहास परेशान करने वाला रहा है।
पाकिस्तान के साथ हमारी बहुत सारी समस्याएं सीधे तौर पर उस समर्थन के कारण हैं जो संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान को दिया। लेकिन आज अमेरिका अलग दृष्टिकोण रखने में सक्षम है, जो वास्तव में यह कहता है कि भारत का रूस के साथ अलग इतिहास और संबंध है, जिसे हमें ध्यान में रखना होगा। उन्होंने कहा कि रूस के साथ भारत का इतिहास अमेरिका, जापान या ऑस्ट्रेलिया के साथ बाद के इतिहास से अलग है। क्वाड में हर किसी की हर चीज पर समान स्थिति नहीं है। अगर ऐसा होता है तो हम उम्मीद करते कि पाकिस्तान पर हमारे जैसा ही रुख होना चाहिए।
LAC पर एकतरफा प्रयास की अनुमति नहीं
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत चीन द्वारा यथास्थिति या वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास की अनुमति नहीं देगा। पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद पर बातचीत करते हुए जयशंकर ने कहा कि चीन ने 1993 और 1996 के समझौते का उल्लंघन करते हुये सीमा पर बड़ी तादाद में सैन्य तैनाती की। उन्होंने कहा कि उसका प्रयास स्पष्ट रूप से LAC को एकतरफा रूप से बदलने का था।
जयशंकर ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, ‘‘भले ही हम उस समय covid-19 के दौर से गुजर रहे थे, लेकिन एक व्यापक संगठनात्मक व नियोजित प्रयास के माध्यम से, हम वास्तव में LAC पर उनका मुकाबला करने में सक्षम थे, जिसके बारे में मुझे लगता है कि कभी-कभी लोगों द्वारा, विश्लेषकों द्वारा, यहां तक कि इस देश में हमारी राजनीति में भी पर्याप्त रूप से इसे मान्यता नहीं दी गई है। विवाद के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के पास अंतर्राष्ट्रीय सीमा के बारे में सामान्य विचार होते हैं।