Edited By Rahul Singh,Updated: 23 Mar, 2024 01:09 PM
सोमालिया तट के पास एक अभियान में पकड़े गए 35 समुद्री लुटेरों को लेकर युद्धपोत आईएनएस कोलकाता शनिवार सुबह मुंबई पहुंचा।
नेशनल डेस्क : सोमालिया तट के पास एक अभियान में पकड़े गए 35 समुद्री लुटेरों को लेकर युद्धपोत आईएनएस कोलकाता शनिवार सुबह मुंबई पहुंचा। नौसेना ने यह जानकारी दी। उसने कहा कि यहां लाने के बाद इन समुद्री लुटेरों को मुंबई पुलिस को सौंप दिया गया। यह कार्रवाई ‘ऑपरेशन संकल्प' के तहत की गई, जिसके तहत भारतीय नौसेना के जहाजों को अरब सागर और अदन की खाड़ी में तैनात किया गया है ताकि क्षेत्र से गुजरने वाले नाविकों और मालवाहक पोतों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
समुद्री लुटेरों को स्थानीय पुलिस को सौंपा
नौसेना ने कहा, ‘‘आईएनएस कोलकाता पकड़े गए 35 समुद्री लुटेरों को लेकर 23 मार्च को मुंबई पहुंचा। भारतीय कानूनों, विशेष रूप से समुद्री डकैती-रोधी अधिनियम, 2022 के अनुसार आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए समुद्री लुटेरों को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया।'' उसने कहा कि विशिष्ट सूचना के आधार पर 15 मार्च की सुबह शुरू हुए 40 घंटे से अधिक समय तक चले अभियान के दौरान आईएनएस कोलकाता ने अरब सागर में समुद्री लुटेरों के जहाज ‘एक्स-एमवी रुएन' को रोका। नौसेना ने कहा कि जहाज ‘एक्स-एमवी रुएन' का इस्तेमाल समुद्र क्षेत्र में लूटपाट करने और वाणिज्यिक पोतों को बंधक बनाने के लिए किया जा रहा था। उसने कहा कि 15 मार्च की सुबह से आईएनएस कोलकाता ने समुद्री लुटेरों के जहाज पर नजर रखनी शुरू कर दी। आईएनएस कोलकाता को देखते ही लुटरों के जहाज ने रास्ता बदल लिया और सोमाली तट की ओर बढ़ने लगा।
सभी समुद्री लुटेरों ने आत्मसमर्पण किया
नौसेना ने कहा कि जहाज के ऊपरी डेक पर कई सशस्त्र समुद्री लुटेरे देखे गए। उसने बताया कि आईएनएस कोलकाता ने समुद्री डाकू जहाज को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार जांच के लिए रुकने का निर्देश दिया। हालांकि, समुद्री डाकू जहाज की तरफ से गोलीबारी शुरू कर दी गई। इसके बाद आईएनएस कोलकाता ने आत्मरक्षा में कार्रवाई की और जहाज को निष्क्रिय करने तथा समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया। नौसेना ने कहा, ‘‘भारतीय नौसेना की निर्णायक कार्रवाई के बाद जहाज पर सवार सभी समुद्री लुटेरों ने आत्मसमर्पण कर दिया। 35 समुद्री लुटेरों और चालक दल के 17 सदस्यों को हिरासत में ले लिया गया और भारतीय नौसेना के जहाजों में स्थानांतरित कर दिया गया।''