अमृता विश्वविद्यापीठम ने शिक्षा में सहायक प्रौद्योगिकियों हेतु यूनेस्को चेयर की स्थापना

Edited By Updated: 29 Oct, 2025 01:11 AM

amrita vishwavidyapeetham establishes unesco chair on assistive technologies in

भारत में ऐसा करने वाला एकमात्र विश्वविद्यालय बना अमृता; दिव्यांगजनों की शिक्षा में होगा तकनीकी नवाचार का विस्तार

दिव्यांगजनों के लिए शिक्षा को और अधिक सुलभ, समावेशी और प्रभावकारी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, अमृता विश्वविद्यापीठम ने शिक्षा में सहायक प्रौद्योगिकियों (Assistive Technologies in Education) पर एक नई यूनेस्को चेयर की स्थापना की है। यह चेयर UNITWIN/UNESCO Chairs Programme के अंतर्गत अमृतपुरी (केरल) परिसर में स्थापित की गई है।

यह समझौता यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अज़ुले एवं अमृता विश्वविद्यापीठम के कुलपति, डॉ. पी. वेणकट रंजन के बीच हस्ताक्षरित हुआ। यह चेयर जून 2029 तक प्रभावी रहेगी, जिसका नेतृत्व डॉ. प्रेमा नेडुंगाडी और डॉ. रघु रामन संयुक्त रूप से करेंगे। नई चेयर का उद्देश्य विशेष रूप से दिव्यांगजनों के लिए ऐसे तकनीकी समाधान विकसित करना है जो:

1. सीखने की बाधाओं को कम करें
2. डिजिटल शिक्षा को अधिक सुलभ बनाएं
3. कौशल विकास और उच्च शिक्षा को बढ़ावा दें

इसमें भारतीय सांकेतिक भाषा (ISL) वीडियो पहचान, AI-सक्षम चैटबॉट्स, और ऑडियो डिस्क्रिप्शन तकनीक जैसे कई नवाचारों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, ई-गवर्नेंस सेवाओं हेतु एक ISL-इंटीग्रेटेड एक्सेसिबिलिटी इंटरफेस विकसित किया जा रहा है, जिसका प्रारंभिक संस्करण पहले ही UMANG प्लेटफ़ॉर्म पर लागू किया जा चुका है। यह प्लेटफ़ॉर्म, इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (NeGD) द्वारा तैयार किया गया है।

समावेशी नवाचार के प्रति अमृता की प्रतिबद्धता: इस अवसर पर सह-अध्यक्ष डॉ. प्रेमा नेडुंगाडी ने कहा: “अम्मा की करुणा-प्रेरित दृष्टि से प्रेरित होकर, अमृता ने सदैव ऐसे शैक्षिक नवाचारों पर कार्य किया है जो वंचितों को आवाज़ देते हैं चाहे वह दृष्टिबाधितों के लिए ऑडियो डिस्क्रिप्शन हो या श्रवणबाधितों हेतु सांकेतिक भाषा नवाचार। यह यूनेस्को चेयर हमारे उसी मिशन को आगे बढ़ाती है, जिसमें शिक्षा, अनुसंधान और सेवा एक-दूसरे के पूरक हैं।”

भारत के लिए गर्व का क्षण: इस स्थापना के साथ अमृता विश्वविद्यापीठम अब तीन सक्रिय यूनेस्को चेयर्स रखने वाला भारत का एकमात्र विश्वविद्यालय बन गया है। यह वैश्विक नेटवर्क 10,000+ ज्ञान विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को जोड़ता है, जो सतत एवं समावेशी विकास पर काम कर रहे हैं।

अमृता की अन्य यूनेस्को चेयर्स:

1. यूनेस्को चेयर ऑन जेंडर इक्वेलिटी एंड वीमेन एंपावरमेंट
A. वर्ष 2016 से सक्रिय, 2028 तक नवीनीकृत
B. नेतृत्व: डॉ. भवानी राव आर.

2. यूनेस्को चेयर ऑन एक्सपेरिएंशियल लर्निंग फॉर सस्टेनेबल इनोवेशन एंड डेवलपमेंट
A. वर्ष 2020 में स्थापित
B. नेतृत्व: डॉ. मनीषा वी. रमेश

अमृता विश्वविद्यापीठम के बारे में: अमृता विश्वविद्यापीठम, NAAC द्वारा A++ मान्यता प्राप्त एवं NIRF रैंकिंग में शीर्ष बहु-विषयक विश्वविद्यालयों में शामिल है। यह संस्था मातृभावना और समावेशिता के मूल्यों पर आधारित शिक्षा, उन्नत शोध और मानवीय सेवा का संगम है।

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