Edited By Archna Sethi,Updated: 02 Mar, 2024 08:59 PM
पंजाब में 165 और आम आदमी क्लीनिक लोगों को समर्पित
चंडीगढ़ 2 मार्च(अर्चना सेठी) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आज राज्य में 165 और आम आदमी क्लीनिक पंजाब निवासियों को समर्पित किये जिससे पंजाब भर में कुल 829 क्लीनिकों के कार्यशील होने से नयी स्वास्थ्य क्रांति का आग़ाज़ हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे अब राज्य में 829 आम आदमी क्लीनिक लोगों को मुफ़्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए कार्यशील हैं। राज्य के लोगों को समर्पित किये गए यह क्लीनिक उनके लिए वरदान साबित हो रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह क्लीनिक पहले ही लोगों को मानक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करने में बहुत सहायक सिद्ध हुए हैं।
अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ लैस यह क्लीनिक लोगों को विश्व स्तरीय इलाज और जांच की सहूलतें मुफ़्त प्रदान कर रहे हैं। राज्य भर में एक करोड़ से अधिक मरीज़ इन आम आदमी क्लीनिकों से इलाज करवा चुके हैं। इसी तरह भगवंत सिंह मान ने बताया कि इन क्लीनिकों में कुल 41 किस्म के जांच टैस्ट मुफ़्त किये जा रहे हैं। क्लीनिकों ने राज्य में प्रचलित अलग- अलग बीमारियों की जांच करने और इनका प्रभावशाली ढंग के साथ मुकाबला करने के लिए डाटाबेस तैयार करने में सरकार की मदद की है। क्लीनिकों में मरीजों को दवाएँ मुफ़्त दीं जा रही हैं। मान ने कहा कि इन क्लीनिकों ने राज्य के स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में क्रांति ला दी है क्योंकि इन क्लीनिकों में रोज़मर्रा के आने वाले 95 प्रतिशत से अधिक मरीज़ अपनी बीमारियों से ठीक हो जाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे दिल्ली की तरह पंजाब के लिए केंद्र द्वारा फंड रोक दिए गए हैं परन्तु फिर भी राज्य सरकार आम लोगों के भले के लिये अथक मेहनत कर रही है। मरीजों को सभी दवाएँ हस्पताल के अंदर से मुहैया करवाई जा रही हैं और लोगों को एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी मुफ़्त दी जा रही है। जिले में 283 करोड़ रुपए के विकास कार्य आरंभ किये जा चुके हैं और कई और भी प्रक्रिया अधीन हैं। राज्य की सभी 13 सीटें जीतने के बाद राज्य के संसद मैंबर केंद्र सरकार को राज्य के किसी भी फंड पर रोक नहीं लगाने देंगे।
मुख्यमंत्री ने आर. डी. एफ. और एन. एच. एम. के तहत फंड रोकने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की जिससे राज्य के विकास को खतरे में डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से 8000 करोड़ रुपए से अधिक के फंडों को गलत तरीके के साथ रोक दिया गया है, जोकि राज्य के साथ सरासर बेइन्साफ़ी है।