कृष्णावतार

Edited By ,Updated: 21 Aug, 2016 11:25 AM

sri krishna

दूसरी ओर भीम के आक्रमण से बचे हुए कुछ राक्षस तीव्र गति से दौड़ते हुए श्री कुबेर के पास जा पहुंचे और चीख-पुकार करते हुए कहने लगे, ‘‘ऐ यक्षराज, आज संग्राम

दूसरी ओर भीम के आक्रमण से बचे हुए कुछ राक्षस तीव्र गति से दौड़ते हुए श्री कुबेर के पास जा पहुंचे और चीख-पुकार करते हुए कहने लगे, ‘‘ऐ यक्षराज, आज संग्राम भूमि में एक अकेले मानव ने अनेकों यक्ष और राक्षस मार डाले हैं। हम लोग गिरते-पड़ते और बचते-बचाते किसी प्रकार अपने प्राण बचा कर आपके पास आए हैं। आपका मित्र मणि मान भी उसके हाथों मारा गया है।’’

 

‘‘तुम सब मूर्ख हो। तुमने उसे पहले छेड़ा ही क्यों था? क्या तुम नहीं जानते थे कि वह राक्षस राज वरकोदर हैं, तुमने उन्हें रोका ही क्यों और उनके आने का मुझे समाचार क्यों नहीं दिया?’’

 

‘‘महाराज, आपने ही तो हमें महल की रखवाली का काम सौंपा था और यह आदेश भी दिया था कि महल के आस-पास किसी को भी फटकने न दिया जाए।’’

 

‘‘महामूर्ख हो तुम लोग। मेरी आज्ञा का यह मतलब तो नहीं था कि जो मानव, देवता, ऋषि या तीर्थयात्री प्रेम भाव से मुझे मिलने आएं उन्हें भी तुम लोग मार कर उनका  भक्षण कर जाओ। लाओ मेरा रथ और चलो मेरे साथ। तुम उन्हें आदर से मेरे पास ले आते तो मेरा सम्मान बढ़ता। अब उलटे उनका सत्कार करने के लिए मुझे ही उनके पास जाना पड़ेगा और ‘मणि मान’ तथा अन्य राक्षसों की धृष्टता के लिए उनसे क्षमा भी मांगनी पड़ेगी। पापियो, वैसे भी तुम्हें मालूम होना चाहिए कि तीर्थ यात्रियों पर प्रहार करना महापाप होता है परन्तु तुमने धर्म की रक्षा के लिए अपना सब कुछ त्याग कर वनों में विचरण करने वाले महान त्यागी यात्रियों पर प्रहार करके मुझे भी कलंकित कर डाला है।’’

 

सेवक रथ तैयार करके ले आए। यक्षराज, धनाधीश कुबेर रथ पर बैठ कर चल पड़े। जब वह गंधमादन पर्वत पर पहुंचे तो यक्षों से घिरे प्रियदर्शन कुबेर जी को देख कर चारों भाइयों ने उन्हें साक्षात् दंडवत किया और फिर यक्ष राजा के सामने हाथ जोड़ कर खड़े हो गए।

 

कुबेर ने महाराज युधिष्ठिर से कहा, ‘‘पार्थ मैं आपका और आपके सब भाइयों और द्रौपदी का स्वागत करता हूं। गंधमादन पर्वत पर आपके साथ जो ब्राह्मण और ऋषिजन हैं मैं उन सबका भी स्वागत करता हूं।’’

(क्रमश:)

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!