Edited By PTI News Agency,Updated: 11 May, 2021 10:32 PM
नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने कोविड-19 महामारी के दौरान दिल्ली सरकार द्वारा अब तक चिकित्सीय उपकरणों के दाम का नियमन न किये जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “सरकार का काम आतंकवादियों जैसा नहीं है” और “अपनी नाकामियां छिपाने...
नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने कोविड-19 महामारी के दौरान दिल्ली सरकार द्वारा अब तक चिकित्सीय उपकरणों के दाम का नियमन न किये जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “सरकार का काम आतंकवादियों जैसा नहीं है” और “अपनी नाकामियां छिपाने के लिये आप लोगों के पीछे पड़े हैं।”
ऑक्सीजन सांद्रकों की कथित जमाखोरी व कालाबाजारी के मामले की सुनवाई कर रही अदालत ने यह भी पूछा, “क्या देश में व्यापार करना अपराध है?”
मुख्य मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने यह मौखिक टिप्पणी मेट्रिक्स सेलुलर सर्विसेज के सीईओ और उपाध्यक्ष तथा अन्य कर्मियों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए की। दिल्ली पुलिस ने इन लोगों को कथित तौर पर जमाखोरी और ज्यादा मूल्य पर उपकरणों को बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
कार्यवाही के दौरान न्यायाधीश ने पूछा, “क्या इस देश में व्यापार करना अपराध है।” अदालत ने दिल्ली सरकार को उपभोक्ताओं को आयातित ऑक्सीजन सांद्रक बेच रहे व्यक्तियों को गिरफ्तार करने पर आड़े हाथों लिया जब उन्होंने खुद कीमतों का नियमन नहीं किया है।
उन्होंने कहा, “आप (सरकार) सात मई को आदेश लेकर आए कि यह (ऑक्सीजन सांद्रक) अधिकतम खुदरा मूल्य से ज्यादा कीमत पर नहीं बेचे जा सकते लेकिन मौजूदा प्राथमिकी पांच मई की है।” उन्होंने कहा कि वह पहले लोगों को दंडित कर बाद में कानून नहीं बना सकती।
न्यायाधीश ने टिप्पणी की, “सरकार का काम आतंकवादियों जैसा नहीं है। आपको कानून के मुताबिक चलना होगा। अगर कोई कानून नहीं है और आपको लगता है कि वहां खालीपन है तब आपको उसे भरने की जरूरत है।”
मुख्य मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट ने कहा, “अगर कोई मूल्य नियमन नहीं है और खालीपन है, आप उसे भर नहीं रहे हैं। महज अपनी नाकामियों को छिपाने के लिये, आप लोगों के पीछे हैं।”
अदालत ने जमानत याचिका पर फैसला बुधवार तक के लिये सुरक्षित रखा है।
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