Edited By PTI News Agency,Updated: 05 Jun, 2021 12:18 AM
नयी दिल्ली, चार जून (भाषा) प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण ने महामारी के दौरान अदालतों में न्यायिक कार्यों की समीक्षा के लिए पहली बार बुलाई गई ऑनलाइन बैठक में उच्च न्यायालय में रिक्तियों पर भी चर्चा की और रिक्त पदों भरने की प्रक्रिया को...
नयी दिल्ली, चार जून (भाषा) प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण ने महामारी के दौरान अदालतों में न्यायिक कार्यों की समीक्षा के लिए पहली बार बुलाई गई ऑनलाइन बैठक में उच्च न्यायालय में रिक्तियों पर भी चर्चा की और रिक्त पदों भरने की प्रक्रिया को तेज करने पर जोर दिया।
सीजेआई ने महामारी के दौरान उच्च न्यायालयों और अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायिक कार्यों की समीक्षा के लिए एक और दो जून को उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के साथ ऑनलाइन संवाद किया। इस दौरान उन्होंने खराब अवसंरचना और डिजिटल विभाजन की समस्या को रेखांकित करते हुए न्याय देने में इन्हें ‘प्रमुख बाधा’ करार दिया।
आधिकारिक बयान में कहा गया कि न्यायमूर्ति रमण ने पूरे देश में स्थायी वीडियो कांफ्रेंस सुविधा के साथ आधुनिक अदालत परिसर बनाने के लिए राष्ट्रीय न्यायिक आधारभूत संरचना निगम का गठन करने का सुझाव दिया।
न्यायमूर्ति रमण द्वारा रिक्तियों को भरने की कोशिश हाल के खबरों के मद्देनजर अहम है। सरकारी सूत्रों के हवाले से इनमें कहा गया था कि पदों को भरने के लिए शीर्ष अदालत के कोलेजियम की अनुशंसा का इंतजार है।
गौरतलब है कि देश में स्थापित 25 उच्च न्यायालयों में न्यायधीशों के कुल 1080 पद हैं लेकिन एक मई को न्याय विभाग की वेबसाइट के मुताबिक केवल 660 न्यायाधीश ही कार्यरत हैं और इस हिसाब से 420 पद रिक्त हैं।
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