महंगे ईंधन के कारण थोक महंगाई 12.94 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंची

Edited By PTI News Agency,Updated: 14 Jun, 2021 06:20 PM

pti state story

नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) कच्चे तेल और विनिर्मित वस्तुओं की थोंक कीमतों में बढ़ोतरी के चलते थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर मई में बढ़कर रिकॉर्ड उच्च स्तर 12.94 प्रतिशत पर पहुंच गई।

नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) कच्चे तेल और विनिर्मित वस्तुओं की थोंक कीमतों में बढ़ोतरी के चलते थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर मई में बढ़कर रिकॉर्ड उच्च स्तर 12.94 प्रतिशत पर पहुंच गई।

इस उछाल में तुलनात्मक आधार का भी प्रभाव दिखता है क्यों कि मई 2020 में डब्ल्यूपीआई आधारित मुद्रास्फीति शून्य से 3.37 प्रतिशत नीचे थी।

यह लगातार पांचवां महीना है, जब थोकमूल्य सूककांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति बढ़ी है। अप्रैल 2021 में यह दस प्रतिशत की सीमा पर कर 10.49 प्रतिशत हो गई थी।

वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मासिक डब्ल्यूपीआई पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर मई 2021 (मई, 2020 के मुकाबले) में बढ़कर 12.94 प्रतिशत हो गई, जो मई 2020 में शून्य से 3.37 प्रतिशत नीचे थी।’’
बयान के मुताबिक, ‘‘मई 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से कम आधार प्रभाव और पेट्रोल, डीजल, नेफ्था, फर्नेस ऑयल आदि पेट्रोलियम उत्पादों और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में पिछले वर्ष के समान महीने की तुलना में वृद्धि के कारण है।’’
समीक्षाधीन अवधि में ईंधन और बिजली वर्ग में थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 37.61 प्रतिशत हो गई, जो अप्रैल में 20.94 प्रतिशत थी। विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति मई में 10.83 प्रतिशत रही, जो पिछले महीने 9.01 प्रतिशत थी।

खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति मई में मामूली रूप से कम होकर 4.31 प्रतिशत पर आ गई। हालांकि, इस दौरान प्याज महंगा हुआ। प्याज की कीमतें मई में सालाना आधार पर 23.24 प्रतिशत ऊंची थी। अप्रैल में इसके थोक भाव एक साल पहले से 19.72 प्रतिशत कम थे।

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि मुख्य डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति (विनिर्मित गैर-खाद्य उत्पाद) मई 2021 में तेजी से बढ़ी है और इस दौरान ज्यादातर उप-क्षेत्रों में थोक मूल्यों में बढ़ोतरी देखने को मिली।

उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी, कमजोर रुपये और घरेलू ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते आने वाले समय में डब्ल्यूपीआई के लिए जोखिम कारक बने हुए हैं। हालांकि, हमें उम्मीद है कि आधार प्रभाव कम होने के साथ ही जून 2021 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति थोड़ा कम हो कर 11.9-12.3 प्रतिशत तक आ सकती है।।’’
पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते उद्योग की लागत बढ़ रही है, जो घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उसकी प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रभावित कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस समय सरकार से कीमतों को तर्कसंगत बनाने और बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की अपील करते हैं।’’
आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर बरकरार रखा और कहा कि वह वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक उदार नीति को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!