Edited By PTI News Agency,Updated: 02 Dec, 2021 03:38 PM
नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि कुछ सीमावर्ती राज्यों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने से राज्यों की पुलिस के अधिकार क्षेत्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है बल्कि इससे सीमा पर आपराधिक...
नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि कुछ सीमावर्ती राज्यों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने से राज्यों की पुलिस के अधिकार क्षेत्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है बल्कि इससे सीमा पर आपराधिक घटनाओं पर राज्य पुलिस के साथ मिलकर प्रभावशाली नियंत्रण हो सकेगा।
राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘इसके परिणाम स्वरूप राज्य पुलिस के साथ मिलकर और उनके सहयोग से सीमा पर के अपराधों पर बेहतर और अधिक प्रभावशाली नियंत्रण हो सकेगा।’’
हथियारों, नशीले पदार्थों और जाली नोटों की तस्करी जैसी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में विस्तार करने का उद्देश्य इस बल को अपने दायित्वों को प्रभावी ढंग से निभाने में समर्थ बनाना है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा इससे पशु तस्करी के खतरे को रोकने में मदद मिलेगी क्योंकि तस्कर बीएसएफ अधिकार क्षेत्र से बाहर वाले आंतरिक इलाकों में शरण ले लेते हैं।
राय ने कहा कि इस संबंध में एकरूपता लाने के लिए असम, गुजरात, पंजाब, राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे सीमावर्ती राज्य में बीएसएफ के दायित्व वाले क्षेत्र में अब 50 किलोमीटर के क्षेत्र सीमा रखी गई है।
ज्ञात हो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले दिनों एक नए आदेश जारी कर पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में बीएसएफ द्वारा तलाशी और गिरफ्तारी करने के अधिकार क्षेत्र को बढ़ा दिया गया था। जहां पहले बीएसएफ के यह अधिकार राज्यों की सीमा के अंदर 15 किलोमीटर तक सीमित थे, वहीं अब इन्हें बढ़ा कर 50 किलोमीटर तक लागू कर दिया गया है।
पश्चिम बंगाल और पंजाब जैसे राज्यों ने इसका विरोध किया है।
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