Edited By PTI News Agency,Updated: 04 Dec, 2021 05:13 PM
नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने शहर के पुलिस आयुक्त को दो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है। दोनों अधिकारियों पर एक व्यक्ति को जबरन वसूली के मामले में फंसाने का आरोप है। अदालत ने...
नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने शहर के पुलिस आयुक्त को दो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है। दोनों अधिकारियों पर एक व्यक्ति को जबरन वसूली के मामले में फंसाने का आरोप है। अदालत ने कहा कि उन्होंने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने मजिस्ट्रेट अदालत के 2019 के आदेश को रद्द करते हुए पुलिस को जमकर लताड़ लगाई, जिसमें संतोष कुमार को अपनी कंपनी के मालिक को मारने की धमकी देने और सितंबर में उससे 20 लाख रुपये की फिरौती मांगने के लिए दोषी ठहराया गया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, कंपनी के मालिक गुलशन लांबा द्वारा जबरन वसूली की शिकायत दर्ज कराने के तुरंत बाद कुमार लापता हो गया। संपर्क करने पर, उसने खुलासा किया कि उसका अपहरण कर लिया गया था और उसने अपनी जान बचाने के लिए डाकू खटियाल सिंह नाम के एक व्यक्ति को 20 लाख रुपये का भुगतान करने की मांग की।
लंबे समय तक चले एक मुकदमे के बाद, मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने उसे 2019 में जबरन वसूली के लिए दोषी ठहराया और उसे दो साल जेल की सजा सुनाई। इस फैसले को उसने सत्र अदालत में चुनौती दी।
न्यायाधीश शर्मा ने उसकी सजा को खारिज करते हुए कहा कि यह सामने आया है कि कुमार को गिरफ्तार किया गया था और लांबा और पुलिस अधिकारियों के बीच किसी तरह की "साठगांठ" के कारण कथित धमकी भरे पत्र लिखने के लिए मजबूर किया गया था।
उन्होंने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष का पूरा मामला "अविश्वसनीय कहानी" जैसी प्रतीत होती है।
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