‘मूनवॉक’ से लेकर ‘यमराज’ बनने तक, यातायात प्रबंधन के लिए नायाब तरीके अपना रहे पुलिसकर्मी

Edited By PTI News Agency,Updated: 23 Jan, 2022 07:04 PM

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नयी दिल्ली, 23 जनवरी (भाषा) यातयात प्रबंधन के दौरान ‘मूनवॉक’ करने से लेकर शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों को सावधान करने के लिए ‘यमराज’ का वेश धारण करने तक, देशभर के यातायात पुलिसकर्मी सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से नायाब...

नयी दिल्ली, 23 जनवरी (भाषा) यातयात प्रबंधन के दौरान ‘मूनवॉक’ करने से लेकर शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों को सावधान करने के लिए ‘यमराज’ का वेश धारण करने तक, देशभर के यातायात पुलिसकर्मी सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से नायाब तरीके अपना रहे हैं।
इंदौर के यातायात पुलिसकर्मी रंजीत सिंह पॉप गायक माइकल जैक्सन के बड़े प्रशंसक हैं और पिछले 17 साल से यातायात प्रबंधन के दौरान वह जैक्सन की चिर-परिचित शैली में ‘मूनवॉक’ डांस करते नजर आ रहे हैं। सिंह ने कहा, “दुर्भाग्य से बहुत से लोग यातायात लाइट का पालन नहीं करते। अगर कोई पुलिसवाला न देख रहा हो तो लोग ट्रैफिक लाइट का उल्लंघन करते हैं, लेकिन एक बार मुझे डांस करते देख लेते हैं तो रुक जाते हैं और यातायात सुगम हो जाता है। यह तकनीक उस समय भी काम आती है जब हमें भीड़भाड़ वाली जगह पर तैनात किया जाता है।”
उन्होंने कहा कि उन्हें न केवल उनके विभाग से प्रशंसा मिली बल्कि इसके लिए कई जगह से पुरस्कार भी दिया गया।
गुरुग्राम यातायात पुलिस के संदीप सिंह शराब पीकर वाहन चलाने वालों को सतर्क करने के लिए यमराज का वेश पहनते हैं। उन्होंने कहा, “इस तरह से लोगों को जागरूक किया जाता है। मैं ऐसे कपड़ों में किसी को समझाता हूं तो कम से कम 20 लोग इसका संज्ञान लेते हैं। मैंने कोविड-19 महामारी से पहले यह किया और लॉकडाउन के दौरान घर से बाहर निकलने वालों के लिए महामारी के दौरान भी किया।”
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 के दौरान भारत में साढ़े तीन लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 1,33,201 लोगों की मौत हुई और 3,35,201 घायल हो गए। दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल सुनील सेन बच्चों को सड़क सुरक्षा के नियमों से अवगत कराते हैं और उनका मानना है कि इससे बच्चों के परिवारों में आसानी से संदेश पहुंचता है।
सेन ने कहा, “2008 में मैंने बच्चों में जागरूकता फैलाने का निर्णय लिया और उन्हें नुक्कड़ नाटक, गाने, नारे आदि के माध्यम से यातायात नियम सिखाने लगा। हमने एक दिन के लिए बच्चों द्वारा यातायातकर्मी के तौर पर काम करने का अभियान भी चलाया।” उन्होंने कहा कि उन्होंने कुल 21,771 छात्रों तथा 1,096 माता पिता को प्रशिक्षण दिया है। सेन के अनुसार, जागरूकता फैलाने के लिए बच्चे सर्वोत्तम माध्यम हैं।
इसी प्रकार दिल्ली पुलिस के सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ की प्रभारी निरीक्षक सीमा शर्मा एक पहल का नेतृत्व करती हैं जिसके तहत दल, आनंद विहार और कश्मीरी गेट जैसे बड़े बस टर्मिनल तक एक ऑडियो-विजुअल प्रदर्शनी वैन भेजता है ताकि सड़क सुरक्षा के उपायों के बारे में जागरूकता पैदा की जा सके।


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