कई पीएफआई सदस्य जिहाद में शामिल होने के लिए आईएसआईए के गढ़ में गए: अधिकारी

Edited By PTI News Agency,Updated: 30 Sep, 2022 09:15 PM

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नई दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में शामिल, ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) के सदस्य जिहाद में हिस्सा लेने के मकसद से सीरिया जैसे संघर्ष केंद्रों में घुसने के लिए हमेशा किसी लंबे या घुमावदार मार्ग से जाते थे, ताकि वे...

नई दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में शामिल, ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) के सदस्य जिहाद में हिस्सा लेने के मकसद से सीरिया जैसे संघर्ष केंद्रों में घुसने के लिए हमेशा किसी लंबे या घुमावदार मार्ग से जाते थे, ताकि वे सुरक्षा जाल से बच सकें।

सरकार ने आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकवादी संगठन के साथ कथित ‘‘संबंधों’’ और देश में साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करने को लेकर मंगलवार को पीएफआई को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा तैयार किए गए दस्तावेजों के अनुसार, ऐसे कुछ मामले हैं, जिनमें युवा विदेशी जमीन पर मारे गए या गिरफ्तार करने पर बाद में भारत वापस भेजे गए।

केरल पुलिस को 2017 में सूचना मिली थी कि कुछ मुस्लिम युवक सीरिया चले गए हैं और आईएसआईएस से हाथ मिलाने की योजना बना रहे हैं और मामले के अधिकतर आरोपी पीएफआई के सदस्य थे।

अधिकारियों ने बताया कि खाड़ी से लौटा हमजा नामक व्यक्ति केरल के युवकों को आईएसआईएस में भर्ती करने का कथित रूप से मुख्य साजिशकर्ता था। उन्होंने बताया कि अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए हमजा ने ऐसे पीएफआई समर्थकों से दोस्ती की, जिनके मन में पहले से ही राष्ट्र-विरोधी या सत्ता-विरोधी भावनाएं थीं।
पीएफआई के संभागीय अध्यक्ष मोहम्मद समीर उर्फ ​​अबू सफवान ने भारत से बाहर निकलने और सीरिया जाने के लिए कथित साजिश रची। इसके लिए वह विभिन्न देशों से होते हुए अंतत: सीरिया पहुंचा, ताकि वह आईएसआईए में शामिल हो सके।

अधिकारियों ने बताया कि इस प्रक्रिया में आरोपी सऊदी अरब, मलेशिया और तुर्की गया। बाद में, पीएफआई नेता अब्दुल मनाफ उर्फ ​​अबू फातिमांद और मोहम्मद समीर जिहाद में भाग लेते समय सीरिया में मारे गए। उन्होंने बताया कि जांच आगे बढ़ने पर केरल पुलिस ने मुख्य षड्यंत्रकर्ता समेत पांच लोगों को आईएसआईएस में शामिल होने से पहले गिरफ्तार कर लिया।
केरल पुलिस ने आईएसआईएस या दाएश का समर्थन करने को लेकर 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। हमजा एक ‘‘कट्टर सलाफी अनुयायी’’ था जो आईएसआईएस और तालिबान के समर्थन में प्रचार करता था।
अधिकारियों ने बताया कि इराक और सीरिया में इस्लामिक खिलाफत की घोषणा के बाद, हमजा ने मोहम्मद समीर और अब्दुल मनाफ को ‘‘काफिरों’’ की भूमि से ‘‘हिज्र’’ करने को कहा।
समीर ने एक अन्य आतंकवादी मामले में आरोपी शाजहां वी के और मोहम्मद शाजिल को आईएसआईएस की विचारधारा का समर्थक बनाया। मोहम्मद समीर 12 दिसंबर, 2015 को ‘उमरा’ के बहाने परिवार के साथ सऊदी अरब चला गया था। सीरिया में घुसपैठ करने से पहले, उसने अन्य पीएफआई सहयोगियों को भारत छोड़ने का निर्देश दिया, जहां उनके खिलाफ पहले से ही आपराधिक मामले लंबित थे।
बाद में, समीर की सीरिया में कथित तौर पर हत्या कर दी गई। इस बीच, पीएफआई का आक्रामक नेता अब्दुल मनाफ तुर्की की सीमा पार कर सीरिया में आईएसआईएस में शामिल हो गया। मनाफ भी सीरिया में युद्ध में भाग लेते समय मारा गया।
एनआईए के अनुसार, मोहम्मद शाजिल और शाहजहां वीके ने भी पीएफआई में अपने करीबी सहयोगियों को आईएसआईएस में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। वे मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात एवं ईरान से होते हुए तुर्की पहुंचे और आईएसआईएस में शामिल होने के लिए अपने आकाओं के निर्देशों का इंतजार किया, लेकिन केवल मोहम्मद शाजिल और उसका परिवार ही सीरिया पहुंच पाया। शाजहां वीके और उसके परिवार को तुर्की के अधिकारियों ने पकड़ लिया और भारत भेज दिया।


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