Edited By PTI News Agency,Updated: 29 Nov, 2022 04:29 PM

नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) असम-मेघालय सीमा पर गोलीबारी में छह लोगों के मारे जाने के कुछ दिन बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इसका संज्ञान लिया है और केंद्र तथा असम सरकार से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित तंत्र विकसित करने को कहा...
नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) असम-मेघालय सीमा पर गोलीबारी में छह लोगों के मारे जाने के कुछ दिन बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इसका संज्ञान लिया है और केंद्र तथा असम सरकार से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित तंत्र विकसित करने को कहा है।
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने गोलीबारी में लोगों के मारे जाने की घटना को लेकर शुक्रवार को एनएचआरसी से संपर्क किया था और इसे "मानवाधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन" करार दिया था।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने 25 नवंबर को कहा था कि संगमा और उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन तिनसोंग ने नयी दिल्ली स्थित एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा और इसके अन्य सदस्यों से बात की।
एनएचआरसी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि इसने मेघालय के मुख्यमंत्री के ज्ञापन का संज्ञान लिया है जिसमें 22 नवंबर को मेघालय के पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले के मुकरोह गांव में असम पुलिस और असम वनरक्षकों द्वारा की गई गोलीबारी में असम के एक वन अधिकारी सहित छह लोगों के मारे जाने की घटना का जिक्र किया गया है।
आयोग ने कहा कि ऐसा लगता है कि यह घटना दो राज्यों-असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद के कारण हुई जो कि काफी समय से लंबित एक बड़ा मुद्दा है।
बयान में कहा गया, "प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि अगर इस विवाद को सुलझा लिया गया होता तो इस तरह की घटना को टाला जा सकता था। राज्यों के बीच विवाद चाहे जो भी हो, पुलिस को ऐसी स्थितियों में संयम बरतना चाहिए।"
आयोग ने कहा कि इसलिए, यह पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद के क्षेत्रों में सशस्त्र बलों या पुलिस की गोलीबारी से संबंधित यदि कोई एसओपी हो तो उसकी जांच करना चाहेगा।
तदनुसार, आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव और असम के मुख्य सचिव को ज्ञापन प्रेषित किया है।
बयान में कहा गया है, "वे इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए किसी तंत्र की संभावना पर विचार और इसे स्थापित करेंगे तथा कदमों के बारे में सुझाव देंगे, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद है। दो सप्ताह में जवाब की उम्मीद है।"
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