वन्य जीवन (संरक्षण) संशोधन विधेयक को मिली संसद से मंजूरी

Edited By PTI News Agency,Updated: 08 Dec, 2022 06:53 PM

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नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) संसद ने बृहस्पतिवार को वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें संरक्षित क्षेत्रों के बेहतर प्रबंधन पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही विधेयक में संरक्षित क्षेत्रों में स्थानीय समुदायों को...

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) संसद ने बृहस्पतिवार को वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें संरक्षित क्षेत्रों के बेहतर प्रबंधन पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही विधेयक में संरक्षित क्षेत्रों में स्थानीय समुदायों को विभिन्न गतिविधियों के लिए अनुमति देने के प्रावधान किए गए हैं।

राज्यसभा ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा ने इसे मानसून सत्र के दौरान अगस्त महीने में ही मंजूरी दे दी थी।

वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021 पर एक संसदीय समिति ने भी विचार किया था। इस विधेयक में संरक्षित क्षेत्रों के बेहतर प्रबंधन के जरिए वन्यजीवों के संरक्षण और सुरक्षा पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही विधेयक में उन अनुसूचियों को युक्तिसंगत बनाने पर भी जोर दिया गया है जिनमें वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत प्रजातियों को सूचीबद्ध किया गया है।

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों के अनुसार, वन्य जीव (संरक्षण) कानून, 1972, देश की पारिस्थितिकीय एवं पर्यावरणीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की दृष्टि से जंगली जानवरों, पक्षियों और पौधों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए तैयार किया गया था।

विधेयक में वन्यजीवों के "संरक्षण" और "प्रबंधन" जैसे पहलुओं को भी शामिल करने की बात की गई है और संरक्षित क्षेत्रों के बेहतर प्रबंधन के लिए संशोधन का प्रावधान है।
विधेयक में केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों के तहत स्वामित्व प्रमाण पत्र रखने वाले व्यक्ति द्वारा जीवित हाथियों के परिवहन के लिए अनुमति देने की भी बात की गई है।

इस विधेयक में जंगली जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के नियमन के लिए मुख्य कानून में एक नया अध्याय सम्मिलित करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके साथ ही विधेयक में वन्यजीवों के लिए राज्य बोर्डों को स्थायी समितियों के गठन के लिए अनुमति का प्रावधान किया गया है।

भारत वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से जुड़ी एक संधि का एक पक्ष है और इसलिए जरूरी है कि संधि के प्रावधानों को लागू करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।



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