Edited By PTI News Agency,Updated: 03 May, 2023 10:31 PM

नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) समाज में जाति और पेशा आधारित भेदभाव को उजागर करने वाली मराठी फिल्म ‘चिरभोग’ को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मानवाधिकारों पर आठवीं लघु फिल्म प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के लिए चुना है। अधिकारियों ने...
नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) समाज में जाति और पेशा आधारित भेदभाव को उजागर करने वाली मराठी फिल्म ‘चिरभोग’ को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मानवाधिकारों पर आठवीं लघु फिल्म प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के लिए चुना है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
प्रथम पुरस्कार में दो लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाता है।
एनएचआरसी ने एक बयान में कहा, ‘‘फिल्म एक लड़के की कहानी के माध्यम से समाज में जाति और पेशा आधारित भेदभाव को उजागर करती है। यह मराठी फिल्म है जो अंग्रेजी उपशीर्षक के साथ है।’’
इस फिल्म का निर्देशन नीलेश आंबेडकर ने किया है।
अधिकारियों ने कहा कि भवानी डोले ताहू की फिल्म ‘‘इनेबल्ड’’ को 1.5 लाख रुपये के दूसरे पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह फिल्म एक दिव्यांग बच्चे की कहानी के माध्यम से ‘दिव्यांगजन’ के बारे में मानसिकता बदलने की जरूरत पर जोर देती है।
उन्होंने बताया कि यह फिल्म असमी भाषा में है और अंग्रेजी उपशीर्षक के साथ है।
अधिकारियों ने बताया कि टी. कुमार की फिल्म ‘‘अचम थावीर’’ को एक लाख रुपये के तीसरे पुरस्कार के लिए चुना गया है।
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