विदेशों में तेजी के बावजूद ज्यादातर तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट

Edited By PTI News Agency,Updated: 25 May, 2023 10:28 PM

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नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) विदेशी बाजारों में तेजी के बावजूद बृहस्पतिवार को दिल्ली में खाद्यतेल तिलहन कीमतों में गिरावट जारी रही और अधिकतर तेल तिलहन के भाव हानि दर्शाते बंद हुए। एक ओर जहां सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल-तिलहन में गिरावट रही वहीं...

नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) विदेशी बाजारों में तेजी के बावजूद बृहस्पतिवार को दिल्ली में खाद्यतेल तिलहन कीमतों में गिरावट जारी रही और अधिकतर तेल तिलहन के भाव हानि दर्शाते बंद हुए। एक ओर जहां सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल-तिलहन में गिरावट रही वहीं कम कारोबारी पूछताछ के कारण कच्चा पामतेल (सीपीओ), पामोलीन और बिनौला तेल कीमतें पूर्वस्तर पर बनी रही।
बाजार सूत्रों ने कहा कि सस्ते आयातित खाद्यतेलों के कारण देशी सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी फसल मंडियों में खप नहीं रहा है और जो तेल पेराई मिल किसी भी तरह चला रहे हैं वो नुकसान में हैं। इसलिए इन तेल तिलहन कीमतों में गिरावट है।
अब आयातित कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल में भी पूछताछ कम है जिसकी वजह से इन तेलों के दाम पूर्वस्तर पर ही बंद हुए। बिनौला तेल का भाव सीपीओ से भी नीचे हो चला है इसलिए कमजोर कारोबार के कारण यह पूर्वस्तर पर बना रहा।

मलेशिया एक्सचेंज में ढाई प्रतिशत की तेजी थी जबकि शिकागो एक्सचेंज में ज्यादा घट बढ़ नहीं है और कल रात यह सुधार के साथ बंद हुआ था।

सूत्रों ने कहा कि अच्छा दाम मिलने की आस में किसान ने तिलहन उत्पादन बढ़ाकर अपना दायित्व पूरा किया है लेकिन पहले की तरह बेहतर दाम दिलाने का दायित्व सरकार का बनता है। संबंद्ध प्राधिकारियों को समय रहते ऐसे फैसले करने चाहिये थे कि देश में सस्ते आयातित खाद्यतेलों की ‘डम्पिंग’ न होने पाये और ऐसी परिस्थिति बने ताकि देशी तिलहन किसानों को उनकी उपज के लागत से कुछ बढ़कर दाम मिलें। लेकिन ऐसे वक्त में जब विदेशों में खाद्यतेलों के दाम टूटने लगे तो कोटा व्यवस्था के तहत सस्ते आयात की खेप बढ़ने लगी जिससे देशी तिलहनों का बाजार में खपने की स्थिति एकदम उल्टी हो गयी।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के निर्देशों के बावजूद भी अभी तक खाद्यतेलों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में इतनी कमी नहीं हुई है जिससे कहा जा सके कि उपभोक्ताओं को वैश्विक कीमतों में आई गिरावट का उपयुक्त लाभ मिल रहा है।
सूत्रों ने कहा कि तेल खली के दाम में भी वृद्धि हुई है। यह दाम पहले के 2,200 रुपये क्विन्टल से बढ़कर आज 3,600 रुपये हो गया है।

बृहस्पतिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 4,855-4,955 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 6,400-6,460 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 16,040 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,410-2,675 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 9,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,590-1,670 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,590-1,700 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 9,680 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,480 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,030 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,450 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 8,350 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,600 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 8,6 00 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना - 5,080-5,155 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,855-4,935 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।



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