Heart Attack Early Signs: 12 साल पहले ही दिखने लगते हैं हार्ट अटैक के ये लक्षण, जानिए छुपे हुए संकेत और बचाव

Edited By Updated: 12 Aug, 2025 11:55 AM

don t ignore these early signs of heart disease that start years in advance

अक्सर हम सोचते हैं कि हार्ट अटैक (Heart Attack) अचानक आता है, लेकिन सच्चाई ये है कि ये बीमारी शरीर में बहुत पहले से शुरू हो जाती है। एक ताज़ा रिसर्च बताती है कि हार्ट अटैक के संकेत करीब 12 साल पहले से ही मिलने लगते हैं, लेकिन हम उन्हें नजरअंदाज कर...

नेशनल डेस्क: अक्सर हम सोचते हैं कि हार्ट अटैक (Heart Attack) अचानक आता है, लेकिन सच्चाई ये है कि ये बीमारी शरीर में बहुत पहले से शुरू हो जाती है। एक ताज़ा रिसर्च बताती है कि हार्ट अटैक के संकेत करीब 12 साल पहले से ही मिलने लगते हैं, लेकिन हम उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं या उम्र बढ़ने का असर समझ बैठते हैं। अगर इन संकेतों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो इस जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है।

रिसर्च क्या कहती है?

CARDIA स्टडी (Coronary Artery Risk Development in Young Adults) नाम की एक बड़ी स्टडी में यह बात सामने आई है कि तेज चलना, दौड़ना, साइकिलिंग या तैराकी जैसी गतिविधियाँ हार्ट अटैक से करीब 12 साल पहले ही धीरे-धीरे कम होने लगती हैं। सबसे ज्यादा गिरावट हार्ट अटैक आने से ठीक 2 साल पहले देखी जाती है। लोग इसे आम उम्र बढ़ने का असर मान लेते हैं, जबकि असल में यह दिल की सेहत के लिए खतरे की घंटी है। यदि समय रहते इसे पहचान लिया जाए तो हार्ट अटैक रोका जा सकता है।

हार्ट अटैक से 12 साल पहले मिलने वाले संकेत

1. फिजिकल एक्टिविटी में लगातार गिरावट

पहले जो लोग आसानी से तेज चल लेते थे या सीढ़ियाँ चढ़ जाते थे, वे धीरे-धीरे थकने लगते हैं और एक्टिविटी कम हो जाती है।

2. दिल की पंप करने की क्षमता कम होना

दिल उतनी ताकत से ब्लड नहीं पंप करता जितना पहले करता था। इससे शरीर को पूरा ऑक्सीजन नहीं मिल पाता।

3. ब्लड वेसल्स में प्लाक जमना

धमनियों में ब्लॉकेज धीरे-धीरे बनना शुरू हो जाती है, जिससे ब्लड फ्लो प्रभावित होता है।

4. मोटापा और शुगर का बढ़ना

कम चलने-फिरने से वजन बढ़ता है, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर का स्तर ऊपर जाने लगता है।

5. हार्ट रेट और सूजन में बदलाव

दिल पर दबाव बढ़ता है, जिससे धड़कन अनियमित हो सकती है और शरीर में सूजन भी हो सकती है।

किन लोगों पर ज्यादा असर?

रिसर्च में यह भी सामने आया कि उम्र के साथ सभी में शारीरिक गतिविधि में कमी आती है, लेकिन कुछ समूहों पर इसका असर अधिक गंभीर होता है। खासतौर पर ब्लैक महिलाओं में फिजिकल एक्टिविटी का स्तर शुरुआत से ही कम पाया गया और समय के साथ यह लगातार गिरता रहा। यह दर्शाता है कि दिल की सेहत को बेहतर बनाने के लिए सभी के लिए एक जैसा समाधान कारगर नहीं होगा। हर व्यक्ति की उम्र, लिंग और सामाजिक पृष्ठभूमि के अनुसार अलग रणनीति अपनाना जरूरी है ताकि प्रभावी रूप से हृदय रोगों की रोकथाम की जा सके।

फिट रहने के आसान और असरदार टिप्स

1. 150 मिनट की मीडियम एक्टिविटी जरूरी

हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट की मध्यम स्तर की एक्टिविटी करें। जैसे तेज चलना, हल्की दौड़, योग या घरेलू काम।

2. छोटे-छोटे हिस्सों में बांटें

पूरा समय एक साथ निकालना मुश्किल हो तो एक्टिविटी को दिनभर में 10-10 मिनट के सेशन में बांट लें।

3. मज़ेदार एक्टिविटी चुनें

जो आपको अच्छा लगे वही करें – डांस, तैराकी, बैडमिंटन या साइकलिंग।

4. रोजमर्रा में मूवमेंट बढ़ाएं

सीढ़ियों का इस्तेमाल करें, पैदल चलें, लिफ्ट से बचें और गाड़ी थोड़ी दूर पार्क करें।

5. ट्रैकिंग जरूरी है

अपनी एक्टिविटी का रिकॉर्ड रखें – चाहे ऐप के जरिए, स्मार्ट वॉच से या सिंपल नोटबुक में। हफ्तेभर में कितनी बार एक्टिव रहे, ये जानना आपको मोटिवेट करेगा।

समय रहते पहचानें और बचाव करें

अगर आप महसूस करते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में आपकी शारीरिक गतिविधि में काफी कमी आई है, जल्दी थकान होने लगी है या सीढ़ियाँ चढ़ते समय सांस फूलने लगती है, तो इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें। यह सब केवल उम्र बढ़ने के सामान्य लक्षण नहीं हो सकते, बल्कि यह किसी संभावित हृदय रोग के शुरुआती संकेत भी हो सकते हैं। ऐसे में समय रहते डॉक्टर से परामर्श लेना, नियमित स्वास्थ्य जांच कराना और जरूरत पड़ने पर ECG, इकोकार्डियोग्राफी या स्ट्रेस टेस्ट जैसे परीक्षण कराना बेहद जरूरी है, ताकि किसी गंभीर समस्या को समय रहते रोका जा सके।

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