Heart Attack: आख़िर सोते समय ही क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा? एक्सपर्ट ने बताई ये बड़ी वजहें

Edited By Updated: 11 Dec, 2025 02:31 PM

why does the risk of a heart attack increase during sleep at night

आजकल हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आम लोगों से लेकर फिटनेस को लेकर सजग रहने वाले सेलेब्रिटीज़ तक हर कोई इसके खतरे से बच नहीं पा रहा। अक्सर हम सुनते हैं कि चलते-फिरते और एक्टिव लोगों को दिल का दौरा पड़ गया। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि...

नेशनल डेस्क: आजकल हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आम लोगों से लेकर फिटनेस को लेकर सजग रहने वाले सेलेब्रिटीज़ तक हर कोई इसके खतरे से बच नहीं पा रहे है। अक्सर हम सुनते हैं कि चलते-फिरते और एक्टिव लोगों को दिल का दौरा पड़ गया। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या हार्ट अटैक सोते समय भी आ सकता है। अगर ऐसा है तो क्या संकेत देखने को मिलेंगे हैं। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रतीक चौधरी के अनुसार, कई लोग नींद के दौरान भी हार्ट अटैक का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में शरीर के शुरुआती संकेतों को समय रहते पहचानना बहुत ज़रूरी है।

किसे नींद में आता है हार्ट अटैक
डॉक्टर्स का कहना है कि यह समस्या अधिकतर उन लोगों में देखी जाती है जो मोटापे से परेशान हैं। रिसर्च बताती है कि नींद के दौरान हमारा हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर दोनों ही कम हो जाते हैं, जिससे दिल का लोड कम होता है लेकिन कुछ लोगों में यही स्थिति खतरनाक बन सकती है। धीमी दिल की धड़कन और शरीर की कम सक्रियता के कारण, कुछ लोगों में रात के समय हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है।

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सुबह-सुबह क्यों बढ़ जाता है खतरा
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अर्ली मॉर्निंग यानी सुबह होते ही दिल के दौरे का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। जो लोग देर तक सोते रहते हैं, उनमें यह खतरा और बढ़ सकता है। सुबह होते ही शरीर में कॉर्टिसोल और कैटिकोलामाइंस जैसे हार्मोन बढ़ जाते हैं, जिससे प्लेटलेट्स की क्लॉटिंग बढ़ जाती है। यही वजह है कि सुबह के समय हार्ट अटैक की संभावना दोगुनी हो जाती है।

  • हार्ट अटैक के मुख्य लक्षण
  • सीने में भारीपन या तेज दर्द
  • शरीर में अचानक पसीना आना
  • बेचैनी या उल्टी जैसा महसूस होना

     

एक महीना पहले मिलने वाले संकेत 
सांस फूलना

अगर बिना मेहनत किए ही तेज सांस फूलने लगी है, तो यह दिल कमजोर होने का संकेत हो सकता है। कई बार फेफड़ों में तरल जमा होने से भी ऐसा होता है।

बार-बार चक्कर आना
जब दिमाग तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचती, तो चक्कर आने लगते हैं। यह दिल की समस्या का शुरुआती चेतावनी संकेत है।

धड़कन का अनियमित होना
दिल कभी बहुत तेज, कभी बहुत धीमे रफ्तार से धड़कना शुरू कर दे—यह हार्ट डिजीज की ओर इशारा करता है। साथ में अत्यधिक पसीना आना भी जोखिम बढ़ाता है।



 

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