New Year 2026: नए साल के जश्न में 'Holiday Heart Syndrome' का खतरा: युवाओं में बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले, डॉक्टर ने दी चेतावनी

Edited By Updated: 19 Dec, 2025 01:45 PM

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नए साल की शुरुआत लोग जश्न मना करते हैं। साल के अंत और नए साल की शुरुआत में होने वाली पार्टियों का खुमार आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों और Cardiologists ने एक चिंताजनक रुझान की ओर इशारा किया है, जिसमें पार्टी सीजन के दौरान 45 वर्ष...

नेशनल डेस्क: नए साल की शुरुआत लोग जश्न मना करते हैं। साल के अंत और नए साल की शुरुआत में होने वाली पार्टियों का खुमार आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों और Cardiologists ने एक चिंताजनक रुझान की ओर इशारा किया है, जिसमें पार्टी सीजन के दौरान 45 वर्ष से कम उम्र के युवाओं में दिल की धड़कन तेज होने, अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने और हार्ट अटैक जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। फोर्टिस अस्पताल, शालीमार बाग के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी के अनुसार अत्यधिक शराब का सेवन, नींद की कमी और खान-पान में लापरवाही मिलकर 'हॉलिडे हार्ट सिंड्रोम' (HHS) को जन्म दे रहे हैं, जो स्वस्थ दिखने वाले युवाओं के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है।

क्यों बढ़ रहा है पार्टियों में दिल का दौरा पड़ने का जोखिम?

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बिंग ड्रिंकिंग और इलेक्ट्रिकल डिस्टर्बेंस: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) और यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी (ESC) के शोध बताते हैं कि कम समय में अत्यधिक शराब का सेवन, दिल की विद्युत प्रणाली (Electrical System) को रोकता कर देता है। डॉ. त्रिपाठी बताते हैं कि भारी शराब के सेवन से Atrial Fibrillation की समस्या होती है, जिससे घबराहट और सांस लेने में तकलीफ बढ़ जाती है। शराब दिल के लिए एक Toxin की तरह काम करती है और नर्वस सिस्टम को ओवरस्टिमुलेट कर देती है।

1.      नमक, तनाव और ब्लड प्रेशर का स्पाइक: पार्टी फूड्स और प्रोसेस्ड मीट में नमक की मात्रा बहुत अधिक होती है। WHO के अनुसार एक दिन में 2,300 मिलीग्राम से कम सोडियम लेना चाहिए, लेकिन पार्टी के दौरान यह सीमा कई बार पार हो जाती है। अधिक नमक शरीर में पानी को रोकता है, जिससे ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ जाता है और दिल को सामान्य से अधिक मेहनत करनी पड़ती है।

2.      अनदेखी और अनियंत्रित जीवनशैली: देर रात तक जागना, नींद की कमी और सामाजिक व आर्थिक दबाव के कारण शरीर में 'कोर्टिसोल' और 'एड्रेनालाईन' जैसे स्ट्रेस हार्मोन्स बढ़ जाते हैं। 'क्रिसमस कोरोनरी इफेक्ट' के नाम से जाना जाने वाला यह फेनोमेनन उन लोगों में भी दिल की बीमारियों को उजागर कर देता है, जिन्हें पहले से कोई लक्षण महसूस नहीं हो रहे थे।

डॉ  चेतावनी देते हुए कहते हैं, "युवा हृदय अजेय नहीं है। कुछ दिनों की लापरवाही पुरानी दबी हुई बीमारियों या आनुवंशिक हृदय दोषों को अचानक एक मेडिकल इमरजेंसी में बदल सकती है।"

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