Edited By Mehak,Updated: 15 Dec, 2025 01:57 PM

हमारी त्वचा अक्सर स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी पहले ही दे देती है, जबकि बड़े लक्षण बाद में दिखाई देते हैं। पैरों और टखनों में सूजन, उंगलियों या पैरों का नीला पड़ना (सायनोसिस), त्वचा पर ठंड या गर्मी में दिखाई देने वाला पैटर्न (लिवेडो रेटिकुलारिस), आंखों...
नेशनल डेस्क : अक्सर हमारी त्वचा हमारे स्वास्थ्य की बातें पहले ही बता देती है, जिन्हें हम खुद महसूस नहीं कर पाते। शरीर छोटे-छोटे बदलाव जैसे रंग, बनावट या सूजन के जरिए पहले ही चेतावनी दे देता है, जबकि बड़े लक्षण जैसे सीने में दर्द या सांस फूलना बाद में दिखाई देते हैं। स्किन एक्सपर्ट भी इसे 'हेल्थ का अर्ली अलर्ट सिस्टम' मानते हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार कुछ त्वचा संबंधी संकेत दिल की बीमारी की ओर इशारा कर सकते हैं।
1. पैरों और निचले हिस्से में सूजन
जब दिल अपनी पूरी क्षमता से खून पंप नहीं कर पाता, तो शरीर में तरल समान रूप से नहीं घूम पाता और वह निचले हिस्सों में जमा होने लगता है। इस वजह से सूजन सबसे पहले पैरों और टखनों में दिखाई देती है और धीरे-धीरे ऊपर की ओर फैल सकती है। यह सामान्य थकान या लंबे समय तक खड़े रहने की वजह से होने वाली सूजन नहीं होती, बल्कि दिल की कमजोरी का संकेत हो सकती है।
2. सायनोसिस (Cyanosis)
सर्दियों में उंगलियां या पैर नीले पड़ना आम है, लेकिन अगर सामान्य तापमान में भी त्वचा नीली या बैंगनी दिखे, तो इसका मतलब है कि शरीर की ऊतकों तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुँच रही है। इसका कारण अक्सर रक्त वाहिकाओं में संकरी या ब्लॉक होना हो सकता है। गंभीर मामलों में, जैसे ‘ब्लू टो सिंड्रोम’, यह स्थिति ऊतकों को नुकसान भी पहुँचा सकती है। ऐसे रंग बदलने के संकेत को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
3. लिवेडो रेटिकुलारिस (Livedo reticularis)
ठंड लगने पर कुछ लोगों में यह पैटर्न दिखाई दे सकता है और कभी-कभी दवाओं के असर से भी यह हो सकता है। लेकिन अगर यह पैटर्न गर्मी में भी बना रहे, तो इसका कारण छोटी धमनियों में रुकावट हो सकती है। ‘कोलेस्ट्रॉल एम्बोलाइजेशन सिंड्रोम’ जैसी स्थितियों में कोलेस्ट्रॉल के छोटे कण रक्त के प्रवाह को रोक सकते हैं, जिससे त्वचा और अंदरूनी अंगों पर असर पड़ता है। ऐसे लगातार पैटर्न दिखने पर तुरंत जांच कराना जरूरी है।
4. जैंथेलाज्मा और जैंथोमा (Xanthelasma and Xanthoma)
आंखों के पास पीले धब्बे या हथेलियों और पैरों पर पीलापन सिर्फ दिखने की बात नहीं है। यह अक्सर शरीर में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकता है। ये धब्बे दर्द नहीं देते, लेकिन यह बताता है कि शरीर अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को संभाल नहीं पा रहा। समय पर जांच और इलाज कराना जरूरी है, क्योंकि इससे हार्ट की गंभीर समस्याओं का खतरा कम किया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर इन्हें त्वचा विशेषज्ञ की मदद से हटाया भी जा सकता है।
5. एरप्टिव जैंथोमा (Eruptive xanthoma)
ये दाने अक्सर रैश या किसी संक्रमण जैसा दिख सकते हैं, लेकिन असल में ये त्वचा पर जमा होने वाले फैट के कारण होते हैं, जो बहुत उच्च ट्राइग्लिसराइड स्तर का संकेत देते हैं। अनियंत्रित डायबिटीज या गंभीर लिपिड डिसऑर्डर में ट्राइग्लिसराइड अचानक बढ़ सकते हैं और इसके परिणामस्वरूप त्वचा पर दाने उभर आते हैं। समय पर इलाज जरूरी है, क्योंकि लंबे समय तक यह हृदय और अग्न्याशय (पैनक्रियास) के लिए जोखिम पैदा कर सकता है।
6. क्लबिंग (Clubbing)
इसमें उंगलियों के सिरों का आकार बदलने लगता है वे नरम और गोल हो जाते हैं और नाखून नीचे की ओर झुकने लगते हैं। कभी-कभी यह सामान्य होता है, लेकिन यदि यह किसी बीमारी से जुड़ा हो तो इसे क्लबिंग कहते हैं, जो अक्सर शरीर में लंबे समय तक ऑक्सीजन की कमी का संकेत देता है।
7. स्प्लिंटर हेमरेज (Splinter hemorrhage)
अकसर ये लकीरें हल्की-सी चोट जैसे हाथ लगना या नाखून टकराने से बन जाती हैं। लेकिन अगर बिना किसी चोट के ये दिखाई दें और साथ में बुखार या अनियंत्रित धड़कन जैसे लक्षण भी हों, तो यह किसी अंदरूनी संक्रमण, खासकर एंडोकार्डाइटिस, का संकेत हो सकता है।