अमरीका के स्कूलों में लगातार बढ़ रही छात्रों द्वारा गोलीबारी की घटनाएं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Feb, 2018 02:04 AM

fierce firing incidents by the growing students in us schools

अमरीकी स्कूलों में हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। जांच एजैंसी एफ.बी.आई. के अनुसार अमरीका में वर्ष 2000 से 2013 के बीच गोलीबारी की कुल घटनाओं में से 17 प्रतिशत स्कूलों में हुईं जबकि ‘ऐवरी टाऊन फार गन सेफ्टी’ संगठन के अनुसार वहां 2013 के बाद...

अमरीकी स्कूलों में हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। जांच एजैंसी एफ.बी.आई. के अनुसार अमरीका में वर्ष 2000 से 2013 के बीच गोलीबारी की कुल घटनाओं में से 17 प्रतिशत स्कूलों में हुईं जबकि ‘ऐवरी टाऊन फार गन सेफ्टी’ संगठन के अनुसार वहां 2013 के बाद से स्कूलों में गोलीबारी की 142 घटनाएं हुईं जिनमें छात्रों और फैकल्टी के सदस्यों दोनों की ही मौतें हुईं।

वयस्क लोगों की बात तो एक ओर, स्कूलों के छात्र-छात्राओं में असहिष्णुता इस कदर बढ़ रही है कि वे बात-बात पर हथियार निकालने लगे हैं जिसके चंद उदाहरण निम्र में दर्ज हैं: 

20 जनवरी, 2017 को ओहियो के लिबर्टी सलेम हाई स्कूल में एक 16 वर्षीय छात्र ने फायर करके अपने 2 सहपाठियों को घायल कर दिया।13 सितम्बर, 2017 को वाशिंगटन के फ्रीमैन हाई स्कूल में एक 15 वर्षीय छात्र द्वारा साथी छात्रों पर गोली चला देने के परिणामस्वरूप एक छात्र की मृत्यु तथा अनेक छात्र घायल हो गए। 20 सितम्बर, 2017 को मध्य इलिनाय के मैटून हाई स्कूल के कैफेटेरिया में एक छात्र ने फायरिंग करके दूसरे छात्र को घायल कर दिया। 07 दिसम्बर, 2017 को छात्र के वेश में आए एक 21 वर्षीय बंदूकधारी द्वारा न्यू मैक्सिको के एजटैक हाई स्कूल में गोली चलाने से 2 छात्र मारे गए। 

22 जनवरी, 2018 को टैक्सास की एलिस काऊंटी में एक हाई स्कूल में एक 16 वर्षीय छात्र द्वारा सैमी-आटोमैटिक हैंडगन से गोली चला दिए जाने के परिणामस्वरूप एक छात्र घायल हो गया। 23 जनवरी को पश्चिमी कैन्टुकी के ग्रामीण इलाके में स्थित एक हाई स्कूल में भीड़ से भरे हाल में 15 वर्षीय एक छात्र द्वारा अचानक की गई फायरिंग में 2 छात्र मारे गए तथा 20 अन्य घायल हो गए। यह छात्र तब तक गोलियां चलाता रहा जब तक कि गोलियां समाप्त नहीं हो गर्ईं। 01 फरवरी को लॉस एंजल्स शहर के डाऊन टाऊन स्थित सैल कास्त्रो मिडल स्कूल में 12 वर्ष की एक छात्रा कक्षा के अंदर बंदूक लेकर चली आई तथा उसने गोलियां चला दीं जिसके परिणामस्वरूप 5 लोग घायल हो गए जिनमें से एक छात्र के सिर में गोली लगी है। 

अमरीकी स्कूलों में गोलीबारी की उक्त घटनाएं जहां युवा वर्ग में बढ़ रही असहिष्णुता की परिचायक हैं वहीं इसके लिए अमरीका का ‘गन कल्चर’ भी जिम्मेदार है जिसके तहत अमरीका में लोगों को शस्त्रास्त्र आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और अवयस्क भी उन्हें प्राप्त करने में सफल हो जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप अमरीका में कानून व्यवस्था की बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है और वहां यह वाक्य बहुत प्रसिद्ध है कि अमरीका में उतने लोग आतंकवादियों के हमलों में नहीं मरते जितने लोगों की मौत अपने ही लोगों के हाथों हो जाती है। भारत में जिस तरह विरोधियों पर हमले करने में चाकू-छुरों का इस्तेमाल होता है उसी प्रकार अमरीका में छोटे-बड़े आग्नेयास्त्रों का इस्तेमाल होता है। वास्तव में अमरीका में मजबूत शस्त्र लॉबी का प्रभाव इतना अधिक है कि वहां हथियारों की बिक्री और खरीद की एक होड़ सी चल पड़ी है जिसमें बड़े-छोटे किसी भी आयु वर्ग का कोई बंधन भी नहीं है। 

वहां विभिन्न राज्यों में शस्त्र नियंत्रण संबंधी अलग-अलग नियम और कानून हैं परंतु यह अत्यंत सरल होने के कारण शस्त्र का लाइसैंस प्राप्त करना कठिन नहीं रहा है जिस कारण घर-घर में शस्त्र पहुंच गए हैं। लिहाजा जब तक अमरीका में लोगों को शस्त्र आसानी से उपलब्ध होते रहेंगे और हथियारों की बिक्री के नियम-कानूनों में बदलाव नहीं होगा, तब तक अमरीकी स्कूलों में हिंसा का खेल भी इसी तरह चलता रहेगा।—विजय कुमार

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