पुतिन की बिना कमीज तस्वीरें ग्लोबल मीडिया हाथों-हाथ क्यों लपकता है

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Aug, 2017 01:00 AM

putin shirts without images why global media loves hand

अगस्त का महीना चल रहा है और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन फिर से रूस के सुदूर पूर्व में स्थित सैरगाह...

अगस्त का महीना चल रहा है और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन फिर से रूस के सुदूर पूर्व में स्थित सैरगाह तूवा पहुंच गए हैं, जहां वह सामान्यत: बिना कमीज के तस्वीरें खिंचवाते हैं। क्रैमलिन (रूसी राष्ट्रपति का कार्यालय) ने थोड़ी-थोड़ी मात्रा में उनके फोटो सैशन की तस्वीरें जिस तरह रिलीज की हैं उससे ग्लोबल मीडिया में पुतिन की चर्चा काफी बढ़ गई है। वास्तव में यह इस बात का संकेत है कि एक ‘ट्रॉल’ के रूप में पुतिन को असाधारण सफलता मिली है। 

तूवा में मछलियां पकड़ते पुतिन के सम्पूर्ण फोटो सैशन को न केवल पीत पत्रकारिता करने वाले टेबलॉइड्ज ने प्रकाशित किया बल्कि न्यूयार्क टाइम्स, वाशिंगटन पोस्ट तथा ब्रिटेन के ‘टाइम्ज’ जैसे प्रतिष्ठित अखबारों में भी इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया गया। दुनिया में ऐसे बहुत कम राष्ट्र प्रमुख हैं जो सरकारी खबरों के माध्यम से अपना इतना जोरदार प्रचार करवा सकें। पुतिन की यह उपलब्धि खास तौर पर इसलिए भी प्रभावशाली है कि मंगोलिया से सटे साइबेरिया के इस दक्षिण इलाके में 2007 और 2009 के दौरान वह पहले भी नंगे बदन काफी तस्वीरें खिंचवा चुके हैं। 2013 में भी एक बार फिर वह इसी इलाके में मछलियां पकडऩे के लिए आए थे, तब भी उन्होंने यही ड्रामा किया था। हालांकि उस समय काफी ठंड थी और कमीज उतारने का दृश्य स्वाभाविक नहीं लगता था तो भी एक बहुत बड़ी पाइक मछली पकड़ कर चूमते हुए पुतिन की तस्वीर सोशल नैटवर्कों पर काफी लोकप्रिय हुई थी। 

उल्लेखनीय है कि कभी घोड़े पर सवार और कभी तैराकी करते तथा कभी लाठी की सहायता से मछलियां पकड़ते बिना कमीज पुतिन की जितनी भी तस्वीरें प्रसिद्ध हुई हैं वे सभी की सभी तूवा में छुट्टियां मनाने के समय खिंचवाई गई थीं। गौरतलब है कि यह कस्बा उनके रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू का जन्म स्थान है। शहरी शोर-शराबे से सैंकड़ों मील दूर तूवा और इसके आसपास का इलाका मंत्रमुग्ध कर लेने वाली प्राकृतिक सुन्दरता से भरा हुआ है जहां पुतिन को कोई भी अवांछित व्यक्ति देख नहीं सकता। यही कारण है कि पूरी जिंदगी शहरों में बिताने वाले सेंट पीटर्सबर्ग के वासी पीतवर्ण पुतिन को बिल्कुल निश्ंिचत होकर प्रकृति की विशालता में अपनी मर्दानगी की रोमांटिक आभा की छवि प्रस्तुत करने का मौका मिला है।

लेकिन सवाल पैदा होता है कि उनका कार्यालय बार-बार नंगे बदन पुतिन की तस्वीरें क्यों प्रकाशित करता रहता है? इससे भी अधिक हैरानी की बात है कि ग्लोबल मीडिया इन तस्वीरों को हाथों-हाथ क्यों लपकता है? इसका स्वत: स्पष्ट उत्तर यही है कि पुतिन अपने प्रभावशाली बदन की मार्कीटिंग कर रहे हैं जोकि 65 साल के किसी व्यक्ति के लिए काफी उल्लेखनीय उपलब्धि है। बेशक वह 2018 में होने वाले चुनावों के प्रति भी पिछले चुनाव की तरह आश्वस्त हैं तो भी एक बात तो तय है कि ये चुनाव भी पिछले अनेक चुनावों की तरह लोकतंत्र का मात्र स्वांग ही सिद्ध होंगे।

इसके बावजूद पुतिन केवल अपने मतदाताओं को यह विश्वास दिलाने की रुचि रखते हैं कि वह आज भी वैसे ही मर्दाना व्यक्तित्व के मालिक हैं जैसे व्यक्तित्व के साथ 17 वर्ष पूर्व सत्ता की बागडोर संभाली थी। वास्तव में उनकी ताजा-तरीन तस्वीरें इस बात का संकेत हैं कि 2007 की तुलना में उनकी देहयष्टि में कोई खराबी नहीं आई है। कम से कम मास्को के टेबलॉइड ‘एम के’ में तो पुतिन की ऐसी छवि उभारी गई जब रविवार इसने पुतिन की इंडियाना जोन्स से कटाक्षपूर्ण तुलना करते हुए टिप्पणी की थी: ‘‘इतनी सुडौल देह के लिए भला कौन वोट नहीं करेगा?’’ वैसे पुतिन और उनकी मीडिया सेवा यह भली-भांति जानती है कि रूस के पुतिन समर्थक लोगों में से भी अधिकतर को यह शेखी कुछ खास हजम नहीं होगी। जब भी पुतिन की ऐसी तस्वीरें जारी की जाती हैं तो सोशल नैटवर्कों पर हंसी-मजाक और चुटकलों की फुलझडिय़ां शुरू हो जाती हैं।

अधिकतर चुटकलों में से पुतिन की प्रशंसा नदारद ही होती है। यहां तक कि रूस की कई सरकारी पत्रिकाएं भी ऐसे चुटकले और व्यंग्य जारी करने में पीछे नहीं रहतीं। रूस के मछली पकडऩे के अधिकतर शौकीन पुतिन को इस काम का कोई बढिय़ा उस्ताद नहीं मानते। एक तस्वीर में पुतिन के प्रचार विभाग ने उन्हें भाला लेकर पाइक मछली का पीछा करते दिखाया है जबकि मछली पकडऩे के अधिकतर शौकीनों का कहना है कि पाइक मछली की पीछा भाले से नहीं बल्कि लाठी लेकर किया जाता है। तैराकी के शौकीनों की नजरों में पुतिन की ‘अंडर वाटर तैराकी’ की तकनीक में भी ढेर सारी त्रुटियां हैं। 

यानी कि तूवा के इलाके में मछलियों और कैमरों को अपनी मर्दानगी के जौहर दिखाने वाले पुतिन अधिकतर रूसियों को प्रभावित नहीं कर पा रहे हैं। रूसी लोग ऐसे नेताओं के आदी हो चुके हैं जो विभिन्न ढंगों से खुद को ‘सुपरमैन’ के रूप में प्रस्तुत करते हैं। मैं यह कहानियां पढ़ते हुए बड़ा हुआ हूं कि व्लादिमीर-लेनिन के दिमाग की संरचना बहुत असाधारण थी और इसी के कारण उनका ‘जीनियस’ बनना संभव हुआ था। नेताओं का दैवीकरण करने जैसा यह रवैया सोवियत यूनियन का पतन होने के बाद भी रूस में खत्म नहीं हुआ है। 

वैसे पुतिन किसी व्यक्ति पूजा के रुझान के बूते रूस का संचालन नहीं कर रहे बल्कि बल की शक्ति और चालाकी के बूते कर रहे हैं। क्रैमलिन द्वारा प्रकाशित की जा रही तस्वीरों से ऐसा संकेत नहीं मिलता है कि वह पुतिन के गिर्द नायक पूजा का कोई प्रोजैक्ट चला रहा है। यह अधिक से अधिक आभास होने लगा है कि क्रैमलिन पश्चिमी देशों के पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं के लिए ही मुख्य तौर पर पुतिन की मुख्य छवि को प्रस्तुत करता है। पश्चिमी लोग पुतिन के नंगे बदन के प्रति खास तौर पर आकर्षित हैं और पश्चिमी मीडिया रूसी राष्ट्रपति से संबंधित कहानियों और समाचारों में लगाने के लिए अक्सर ऐसी ही तस्वीरों को प्रयुक्त करता है। रैंडी न्यू मैन की नवीनतम एलबम पर पुतिन के संबंध में भी एक गीत मौजूद है। जब-जब तेरा कुर्ता सरके कुंवारियों का दिल धड़के जिंद मेरिए। 

विडम्बना देखिए कि जब रूसी मीडिया में पुतिन की इन तस्वीरों के संबंध में बहुत घटिया किस्म के चुटकले प्रचलित हैं, उसी समय पश्चिमी देशों के लोग उनकी सुन्दर और मर्दाना देहयष्टि के दीवाने तो हैं  ही, साथ ही बिगडै़ल लड़कों की तरह डौले-शौले दिखाने की उनकी प्रवृत्ति से भी काफी प्रभावित हैं। वास्तव में पुतिन की तस्वीरों के माध्यम से क्रैमलिन विदेशों में उनका ऐसा बिंब प्रस्तुत करना चाहता है जिसे पश्चिमी लोग पसन्द करें। मुझे संदेह है कि पुतिन के सुडौल बदन की लगभग मोटू मियां जैसे और जंक फूड के दीवाने डोनाल्ड ट्रम्प से तुलना में अधिकतर अमरीकियों को कोई रुचि होगी। आखिर पुतिन को पसन्द करने वाले अधिकतर अमरीकियों ने ट्रम्प के पक्ष में ही मतदान किया था। 

फिर भी पश्चिमी देशों के साथ रूस का आदान-प्रदान एक शानदार छवि सृजित करने तक ही सीमित नहीं। सच तो यह है कि किसी दूरस्थ साइबेरियाई झील में काली ऐनकें पहनकर नंगे बदन तैर रहे पुतिन ऐसा आभास देते हैं कि वह अमरीकी कांग्रेस की रूस पर लगाई नवीनतम पाबंदियों की कोई परवाह नहीं करते। अमरीकी गुप्तचर सेवाएं इस बात से चिंतित हैं कि भाले से मछलियों का शिकार करते पुतिन की तस्वीर एक तरह से अमरीकी सोशल नैटवर्कों में घुसपैठ करने का प्रयास है।     

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