Edited By ,Updated: 02 Aug, 2016 11:43 AM
कैंसर और एच.आई.वी. समेत कई बीमारियों के इलाज के लिए जरूरी 24 दवाएं औसतन 25 फीसदी सस्ती हो गई हैं।
नई दिल्लीः कैंसर और एच.आई.वी. समेत कई बीमारियों के इलाज के लिए जरूरी 24 दवाएं औसतन 25 फीसदी सस्ती हो गई हैं। नैशनल फार्मासूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने कैंसर और एच.आई.वी. दवाओं सहित कई जरूरी ड्रग्स के दाम में 35 फीसदी तक की कटौती की है। NPPA ने अपने नोटिफिकेशन में एंटीबायॉटिक डॉक्सिसायक्लिन (100mg) के प्राइस की सीमा तय की है और नैशनल लिस्ट फॉर एसेंशियल मेडिसिन्स (NLEM) में पहले से शामिल 23 दवाओं की कीमतों की अधिकतम सीमा बदली है। इससे इन दवाओं के दाम में 10 फीसदी से 35 फीसदी तक की कमी आएगी।
इस लिस्ट में ब्लड, ओवरीज और ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली मेलफलान (2mg) और मेलफलान (5mg) और शरीर में विशेष प्रकार के कैंसर सेल्स ग्रोथ धीमी करने के लिए इस्तेमाल होने वाली क्लोरामब्यूसिल (2mg) शामिल हैं। NPPA ने एचआईवी इंफेक्शंस के इलाज में काम आने वाली एंटी-रेट्रोवायरल दवाओं- जिडोवुडाइन (300mg) और लेमिवुडाइन (150mg) + जिडोवुडाइन (300mg) कॉम्बिनेशन की अधिकतम कीमतों में भी बदलाव किया है।
नोटिफिकेशन के मुताबिक, 'जो फार्मा मैन्युफैक्चरर्स अधिकतम प्राइस का पालन नहीं करेंगे, उन्हें ड्रग्स (प्राइस कंट्रोल) ऑर्डर, 2013 और एसेंशियल कमोडिटीज ऐक्ट, 1955 के प्रोविजंस के तहत वसूली गई अतिरिक्त रकम को ब्याज समेत जमा कराना होगा।' दवाओं के लिए तय सीमा से अधिक कीमत वसूलने की वजह से मार्च के अंत तक फार्मासूटिकल कम्पनियों को NPPA को 4,551 करोड़ रुपए चुकाने थे। यह रकम पिछले 2 दशकों के दौरान जमा हुई है। राज्यसभा में पिछले सप्ताह बताया गया था कि सरकार की ओर से दवाओं की कीमतों पर नियंत्रण करने के उपायों से कंन्जयूमर्स को पिछले दो वर्षों में 4,988 करोड़ रुपए की बचत करने में मदद मिली है।