Edited By ,Updated: 23 Aug, 2016 11:03 AM
आज के समय में व्यक्ति धन प्राप्ति के लिए अधिक मेहनत करता है लेकिन उसे फिर भी पर्याप्त फल की प्राप्ति नहीं होती। व्यक्ति को कुछ कार्यों में सफलता मिल
आज के समय में व्यक्ति धन प्राप्ति के लिए अधिक मेहनत करता है लेकिन उसे फिर भी पर्याप्त फल की प्राप्ति नहीं होती। व्यक्ति को कुछ कार्यों में सफलता मिल जाती है अौर कई कामों में असफलता मिलती है। आचार्य चाणक्य की नीतियों पर अमल करके सफलता प्राप्त की जा सकती है।
क: काल: कानि मित्राणि को देश: कौ व्ययागमौ।
कस्याऽडं का च मे शक्तिरिति चिन्त्यं मुहुर्मुंहु:।।
चाणक्य के अनुसार इन बातों का ध्यान रखकर काम करने से असफलता मिलने की संभावनाएं कम हो जाती है।
* समझदार और सफल व्यक्ति वहीं है जिसे पता होता है कि वर्तमान समय कैसा चल रहा है। अभी सुख के दिन हैं या दुख। वह इसी के आधार पर कार्य करता है। सुख के दिनों में अच्छे कार्य करें अौर दुख के समय अच्छे कामों के साथ धैर्य बनाए रखना चाहिए। दुख के दिनों में धैर्य खोने से अनर्थ हो सकता है।
* हमें इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि हमारे मित्र कौन हैं अौर मित्रों के वेष में शत्रु कौन है। मित्रों के वेष में छुपे शत्रुयों की पहचान करना जरुरी है। यदि हम उन्हें नहीं पहचान पाएंगे तो हमें कार्यों में असफलता ही मिलेगी। इनसे बचना चाहिए। हमें इस बात का भी ज्ञान होना चाहिए कि हमारे सच्चे मित्र कौन से हैं। सच्चे मित्रों की सहायता से सफलता मिल सकती है।
* जहां हम कार्य करते हैं, उस स्थान, शहर और वहां के हालात के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसके साथ ही कार्यस्थल पर कार्य करने वाले लोग किस प्रकार के हैं, इस बात का ध्यान रखेंगे तो असफल होने की संभावना कम होती है।
* समझदार व्यक्ति वही है जो आय और व्यय की जानकारी रखता है। अपनी आय के अनुसार व्यय करना चाहिए। आय से अधिक खर्च करने वाले को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आय से कम खर्च करने पर धन संबंधी सुख प्राप्त किया जा सकता है अौर साथ ही धन भी संचय हो जाता है।
* व्यक्ति को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि जहां पर आप कार्य करते हैं वहां का प्रबंधक, कंपनी, संस्थान या बॉस हमसे क्या चाहते हैं। उसी प्रकार कार्य करने से संस्थान को लाभ मिलता है। यदि संस्थान को लाभ होगा तो कर्मचारी को लाभ मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
* व्यक्ति जो कार्य अच्छे से कर सकता है अर्थात उसे जिस काम की पूर्ण जानकारी हो वहीं हाथ में लेना चाहिए। शक्ति से अधिक कार्य हाथ में लेने से असफल होना तय होता है। ऐसी परिस्थिति में कार्य स्थल और समाज में हमारी छबि पर बुरा असर पड़ता है।