ग्रंथों से, जानिए शकुन और अपशकुन कैसे देते हैं भविष्य की घटनाओं के इशारे

Edited By ,Updated: 04 Feb, 2017 01:20 PM

how to know hints of future events

कुछ लक्षणों को देखते ही व्यक्ति के मन में आशंका उत्पन्न हो जाती है कि

कुछ लक्षणों को देखते ही व्यक्ति के मन में आशंका उत्पन्न हो जाती है कि उसका कार्य पूर्ण नहीं होगा। किसी कार्य में रुकावट या अधूरेपन को दिखाने वाले ऐसे ही कुछ लक्षणों या संकेतों को हम अपशकुन मान लेते हैं। अपशकुनों के बारे में हमारे ग्रंथों में काफी कुछ लिखा गया है। जानिए शकुन और अपशकुन 


* नए घर में पुराना झाड़ू ले जाना अशुभ है। उलटा झाड़ू रखना अपशकुन माना जाता है। अंधेरा होने के बाद घर में झाड़ू लगाना अशुभ होता है। इससे घर में दरिद्रता आती है। झाड़ू पर पैर रखना अशुभ है। इसका अर्थ घर को, लक्ष्मी को ठोकर मारना है।


* यदि कोई छोटा बच्चा अचानक झाड़ू लगाने लगे तो अनचाहे मेहमान घर में आते हैं। किसी के बाहर जाते ही तुरंत झाड़ू लगाना अशुभ होता है। दूध का बिखर जाना अशुभ होता है।


* बच्चों का दूध पीते ही घर से बाहर जाना अपशकुन माना जाता है।


* आपस में लड़ते हुए कुत्ते दिख जाएं तो व्यक्ति का किसी से झगड़ा हो सकता है। शाम के समय एक से अधिक कुत्ते पूर्व की ओर अभिमुख होकर क्रंदन करें तो उस नगर या गांव में भयंकर संकट उपस्थित होता है।


* गाएं अभक्ष्य भक्षण करें और अपने बछड़े को भी स्नेह करना बंद कर दें तो ऐसे घर में गर्भपात की आशंका रहती है। पैरों से भूमि खोदने वाली और दीन-हीन अथवा भयभीत दिखने वाली गाएं घर में भय की द्योतक हैं।

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