Edited By ,Updated: 28 Oct, 2016 04:21 PM
एक अमरीकी थिंक टैंक ने कहा है कि भारत की खरीदने की क्षमता एवं भूराजनैतिक प्रभाव बढ़ रहा है, एेसे में हाई टेक रक्षा सामग्री की खरीदारी के संबंध में पाकिस्तान...
वाशिंगटन: एक अमरीकी थिंक टैंक ने कहा है कि भारत की खरीदने की क्षमता एवं भूराजनैतिक प्रभाव बढ़ रहा है, एेसे में हाई टेक रक्षा सामग्री की खरीदारी के संबंध में पाकिस्तान पर विश्व में अलग थलग पडऩे का खतरा मंडरा रहा है।
‘स्टिम्सन सेंटर’ ने एक रिपोर्ट में कहा,‘‘पाकिस्तान लंबी अवधि में वैश्विक बाजार में सबसे अत्याधुनिक हथियार प्रणाली तक पहुंच बनाने में शायद सक्षम नहीं रहेगा, बल्कि उसके पास चीन और संभवत: रूस की सैन्य प्रणाली पर निर्भर रहने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा, जो पाकिस्तान की रक्षा आवश्यकताओं के लिए उचित हो भी सकता या नहीं भी हो सकता है।’
’‘मिलिट्री बजट्स इन इंडिया एंड पाकिस्तान ट्रैजेक्टरीज, प्रायोरिटीज एवं रिस्क्स’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है,‘‘भारत की खरीदारी की बढ़ती क्षमता एवं बढ़ते भूराजनैतिक प्रभाव के कारण उच्च प्रोद्यौगिकी तक पाकिस्तान की पहुंच बाधित हो सकती है।’’अमरीकी सैन्य सहायता वर्ष 2002 से लेकर 2015 के बीच पाकिस्तान के रक्षा खर्च का 21 प्रतिशत थी जिसकी मदद से पाकिस्तान ने अपने संघीय बजट एवं समग्र अर्थव्यवस्था पर भार को कम करते हुए अपनी सैन्य खरीदारी के उच्च स्तरों को बनाए रखा।