Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jul, 2017 10:09 AM
चीन-पाकिस्तान के साथ चल रहे सीमा विवाद पर भारतीय सेना सख्त रूख अख्तियार करने के मूड में है।
नई दिल्लीः चीन-पाकिस्तान के साथ चल रहे सीमा विवाद पर भारतीय सेना सख्त रूख अख्तियार करने के मूड में है। भारतीय सेना ने अगले 5 सालों का रक्षा बजट की मांग की है, जिसमें हथियारों के आधुनिकीकरण पर खास जोर दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, सेना ने 2017-2022 तक का करीब 27 लाख करोड़ का रक्षा बजट तय किया गया है। केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि 13वीं योजना के इस रक्षा प्लान पर करीब 26,83,924 करोड़ रुपए खर्च किए जा सकते हैं। इसका जिक्र 11 जुलाई को हुई कॉन्फ्रेंस में हुआ, जहां केंद्रीय रक्षा मंत्री अरुण जेटली समेत स्टेकहोल्डर्स और डीआरडीओ भी मौजूद था। बताया जा रहा है कि सशस्त्र बलों ने इसे जल्द मंजूरी देने पर जोर दिया, क्योंकि उनकी वार्षिक अधिग्रहण योजनाएं इस पर आधारित हैं।
रक्षा बजट में बढ़ोतरी की मांग ऐसे समय में आई है, जब सिक्किम में चीन के साथ टकराव चल रहा है और एलओसी पर पाकिस्तान के साथ लगातार गोलीबारी हो रही है। हालांकि सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि आधुनिकीकरण परियोजनाओं के लिए पूंजीगत व्यय प्राथमिक होगा। लेकिन यह भी सच है कि वास्तविक वार्षिक रक्षा बजट ने आधुनिकता के बजट में गिरावट का एक स्पष्ट रुझान दिखाया है। मौजूदा समय में रक्षा बजट 2.74 लाख करोड़ रुपए है। ये जीडीपी का 1.56% है। चीन के साथ हुए 1962 में युद्ध के बाद से ये न्यूनतम आंकड़ा है। सेना चाहती है कि रक्षा बजट को बढ़ाकर जीडीपी के 2 फीसदी तक किया जाए।