Edited By ,Updated: 26 Jun, 2015 11:11 AM
एक बार एक ग्राहक चित्रों की दुकान पर गया। उसने वहां पर अजीब से चित्र देखे। पहले चित्र में चेहरा पूरी तरह बालों से ढका हुआ था और पैरों में पंख थे। एक दूसरे चित्र में सिर पीछे से गंजा था।
एक बार एक ग्राहक चित्रों की दुकान पर गया। उसने वहां पर अजीब से चित्र देखे। पहले चित्र में चेहरा पूरी तरह बालों से ढका हुआ था और पैरों में पंख थे। एक दूसरे चित्र में सिर पीछे से गंजा था।
ग्राहक ने पूछा, ‘‘यह चित्र किसका है?’’
दुकानदार ने कहा, ‘‘अवसर का।’’
ग्राहक ने पूछा, ‘‘इसका चेहरा बालों से ढका क्यों है?’’
दुकानदार ने कहा, ‘‘क्योंकि अकसर जब अवसर आता है तो मनुष्य उसे पहचानता नहीं है।’’
ग्राहक ने पूछा, ‘‘और इसके पैरों में पंख क्यों हैं?’’
दुकानदार ने कहा, ‘‘वह इसलिए कि यह तुरन्त वापस भाग जाता है, यदि इसका उपयोग न हो तो यह तुरन्त उड़ जाता है।’’
ग्राहक ने पूछा, ‘‘और यह दूसरे चित्र में पीछे से गंजा सिर किसका है?’’
दुकानदार ने कहा, ‘‘यह भी अवसर का है। यदि अवसर को सामने से ही बालों से पकड़ लेंगे तो वह आपका है। अगर आपने उसे थोड़ी देर से पकडऩे की कोशिश की तो पीछे का गंजा सिर हाथ आएगा और वह फिसलकर निकल जाएगा।’’
वह ग्राहक इन चित्रों का रहस्य जानकर हैरान था पर अब वह बात समझ चुका था। आपने कई बार दूसरों को यह कहते हुए सुना होगा या खुद भी कहा होगा कि ‘हमें अवसर ही नहीं मिला’ लेकिन यह अपनी जिम्मेदारी से भागने और अपनी गलती को छुपाने का बस एक बहाना है। वास्तव में भगवान ने हमें ढेरों अवसरों के बीच जन्म दिया है।
अवसर हमेशा हमारे सामने से आते-जाते रहते हैं पर हम उसे पहचान नहीं पाते या पहचानने में देर कर देते हैं और कई बार हम सिर्फ इसलिए चूक जाते हैं क्योंकि हम बड़े अवसर की ताक में रहते हैं। पर अवसर बड़ा या छोटा नहीं होता है। हमें हर अवसर का भरपूर उपयोग करना चाहिए।