सौभाग्य सूचक चरणामृत देता है विपत्ति, क्लेश और अलक्ष्मी से छुटकारा

Edited By ,Updated: 11 Sep, 2015 09:36 AM

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भगवान श्री हरि विष्णु के चमत्कारों और धर्मशील आचरण पर आधारित ग्रंथ नारद पुराण में बताया गया है की भगवान के चरणों का अमृत यानि चरणामृत ग्रहण करने का कितना महत्व है।

भगवान श्री हरि विष्णु के चमत्कारों और धर्मशील आचरण पर आधारित ग्रंथ नारद पुराण में बताया गया है की भगवान के चरणों का अमृत यानि चरणामृत ग्रहण करने का कितना महत्व है। इस ग्रंथ में महर्षि नारद और ऋषि सनक के मध्य हुई बातचीत का वर्णन है। इसमें बहुत से विषयों पर गहन चर्चा की गई है। उन्हीं में से एक है चरणामृत नारदपुराण के अनुसार-

* प्रतिदिन भगवान का चरणामृत ग्रहण करने से शरीर रोगों की चपेट में नहीं आता, असाध्य रोगों से निजात पाया जा सकता है।
 
* जो व्यक्ति नियमित भगवान विष्णु का पूजन कर उनका प्रसाद और चरणामृत ग्रहण करता है वह जीवन में कभी हताश और निराश नहीं होता। जिस व्यक्ति को अपनी मौत का भय सताता हो या बुरे और डरावने सपने आते हों उसे रोजाना चरणामृत पीना चाहिए। ऐसा करने से अंतर्मन में कोई भी डर नहीं रहता और चिरकाल तक व्यक्ति सुखद जीवन यापन करते हुए लम्बी आयु भोगता है। 
 
* लक्ष्मी कृपा पाने के लिए भगवान विष्णु की कृपा पाना अत्यन्त अवश्यक है क्योंकि लक्ष्मी उन्हीं के चरणों में रहकर उनकी दासी बनना पसंद करती हैं। जिस घर में लक्ष्मीनारायण वास करते हैं उस घर में कभी भी विपत्ति, क्लेश और अलक्ष्मी नहीं आ सकते। प्रतिदिन सारे घर में चरणामृत का छिड़काव करें।

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