Edited By ,Updated: 31 Oct, 2023 06:19 AM
सदियों पुरानी बाल विवाह की कुरीति रोकने के लिए असम सरकार द्वारा इस वर्ष चलाए गए बाल विवाह विरोधी अभियानों के तहत बड़ी संख्या में नाबालिग लड़कियों से शादी करने वालों, उनके रिश्तेदारों, विवाह करवाने वाले पुजारियों और काजियों आदि के विरुद्ध कार्रवाई की...
सदियों पुरानी बाल विवाह की कुरीति रोकने के लिए असम सरकार द्वारा इस वर्ष चलाए गए बाल विवाह विरोधी अभियानों के तहत बड़ी संख्या में नाबालिग लड़कियों से शादी करने वालों, उनके रिश्तेदारों, विवाह करवाने वाले पुजारियों और काजियों आदि के विरुद्ध कार्रवाई की गई थी।
और अब बाल विवाह की कुरीति की भांति ही असम सरकार ने एक से अधिक विवाह करने की कुरीति पर रोक लगाने की दिशा में भी कदम उठाया है। इस संबंध में जारी एक आदेश के अनुसार, अब राज्य के सरकारी कर्मचारियों को दूसरी शादी करने से पहले सरकार से इसकी अनुमति लेनी होगी और यह नियम हर धर्म के सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगा। इस निर्णय की घोषणा करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि ‘‘असम सरकार का कोई कर्मचारी, चाहे वह हिन्दू हो या मुसलमान, हमारे सेवा नियमों के लिहाज से दूसरी शादी करने का हकदार नहीं है।’’
‘‘यदि कुछ धर्म आपको दूसरी शादी करने की अनुमति देते हैं तब भी नियमानुसार आपको राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। राज्य सरकार आपको अनुमति दे भी सकती है और नहीं भी।’’ जो कुछ अतीत में होता रहा है, उस भूल को सुधारने के ये तरीके सही हैं। इन दोनों ही कदमों से बाल विवाह और दूसरी शादी जैसी कुरीतियों पर अंकुश लगने से अनेक महिलाओं का जीवन सुधरेगा।—विजय कुमार