देश में ‘डुप्लीकेट’ का बोलबाला! ‘खाद्य वस्तुएं ही नहीं, नकली अधिकारी भी पकड़े जा रहे’

Edited By Updated: 06 Sep, 2025 05:26 AM

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देश में नकली खाद्य पदार्थों, दवाइयों, खादों, कीटनाशकों, करंसी आदि की बातें तो सुनी जाती थीं, पर अब यह बीमारी नकली सिविल एवं पुलिस अधिकारियों आदि तक पहुंच गई है और इसमें महिलाएं भी शामिल पाई जा रही हैं, जिसके मात्र 2 सप्ताह के उदाहरण निम्न में दर्ज...

देश में नकली खाद्य पदार्थों, दवाइयों, खादों, कीटनाशकों, करंसी आदि की बातें तो सुनी जाती थीं, पर अब यह बीमारी नकली सिविल एवं पुलिस अधिकारियों आदि तक पहुंच गई है और इसमें महिलाएं भी शामिल पाई जा रही हैं, जिसके मात्र 2 सप्ताह के उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :

* 22 अगस्त को दिल्ली के विवेक विहार इलाके में नकली सी.बी.आई. अधिकारी बन कर आए गैंग द्वारा एक प्रापर्टी डीलर के दफ्तर से 2.3 करोड़ रुपए की लूट के मामले में पुलिस ने एक महिला सहित 2 आरोपियों को गिरफ्तार करके उनसे 1.8 करोड़ रुपए बरामद किए। 
इन फर्जी अधिकारियों पर प्रापर्टी डीलर के 2 कर्मचारियों को बुरी तरह पीटने, दफ्तर में रखा कैश उठाकर ले जाने और उन्हें बंधक बनाकर अलग-अलग स्थानों पर धमकाते हुए गाड़ी से उतार देने का आरोप है। 

* 27 अगस्त को धौलपुर (राजस्थान) में सदर थाना की पुलिस ने पश्चिम बंगाल के रहने वाले ‘सुप्रियो मुखर्जी’ नामक एक फर्जी पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार किया जो लोगों पर धौंस जमाने और टोल टैक्स से बचने के लिए पुलिस की वर्दी पहन कर घूमता और लोगों को ठगता था। 
उसने अपनी गाड़ी पर नीली बत्ती तथा वर्दी पर 3 स्टार भी लगा रखे थे। संदेह होने पर उसकी गाड़ी को रोक कर जब अधिकारियों ने उससे पूछताछ की तो वह स्वयं को कभी होमगार्ड और कभी एन.सी.जी. (नैशनल कोस्ट गार्ड) का अधिकारी बताने लगा। 
उसके बयान में अंतर पाए जाने पर गहन पूछताछ के दौरान उसकी जालसाजी का भंंडाफोड़ होने पर अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसकी कार की तलाशी लेने पर एयरगन, कारतूस, लैपटाप तथा फर्जी आई.डी. कार्ड आदि बरामद हुए।

* 4 सितम्बर को लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में स्वयं को आई.ए.एस. अधिकारी बताकर लोगों से ठगी करके शाही जिंदगी बिताने वाले ‘सौरभ त्रिपाठी’ को गिरफ्तार करके पुलिस ने उसके पास से 3 इनोवा कारों के अलावा नीली बत्ती लगाई हुई रेंज रोवर डिफैंडर, मॢसडीज बैंज और टोयोटा फाच्र्यूनर जैसी 6 सुपर लग्जरी कारें जब्त कीं जिनके दस्तावेज भी जांच के दौरान जाली पाए गए। इसके अलावा उसके पास से उत्तर प्रदेश सचिवालय में एंट्री के लिए बनाए गए फर्जी पास तथा अन्य चीजें भी बरामद की गईं।  

विभिन्न सरकारी विभागों में तबादलों और ठेके दिलाने आदि के नाम पर दलाली करने वाला यह ठग 60,000 रुपए मासिक किराए के फ्लैट में रहता था। वह अपने शौक पूरे करने के लिए एक महीने में लगभग 10 लाख रुपए मासिक खर्च करता था।अधिकारियों के अनुसार सौरभ की लखनऊ, नोएडा, मऊ और बिहार में सम्पत्तियां मिली हैं तथा इसकी पत्नी भी इंजीनियर है जो लगभग 1 लाख रुपए वेतन पाती है।

* और अब 5 सितम्बर को (छत्तीसगढ़) की राजधानी रायपुर में स्वयं को क्राइम ब्रांच का सिपाही बताने वाले ‘आशीष घोष’ को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उस पर 2 आई.पी.एस. अधिकारियों की मिलीभगत से  सिपाहियों, हवलदारों व अन्य पुलिस कर्मचारियों का विभिन्न थानों में तबादला करवाने और उनसे वसूली करने के आरोप हैं। उक्त उदाहरणों से स्पष्टï है कि देश में जालसाजी करके लोगों को ठगने की बुराई किस कदर बढ़ रही है। अत: ऐसे समाज विरोधी तत्वों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ताकि दूसरों को सबक मिले। जनता को भी इस मामले में जागरूक होने की जरूरत है जिससे कोई ठग उनकी गाढ़े पसीने की कमाई न लूट सके।—विजय कुमार

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