‘मन को सुकून देने वाले’ 2 अच्छे जनहितकारी ‘निर्णय’

Edited By Yaspal,Updated: 25 Sep, 2018 01:57 AM

good minded  2 good public opinion  decision

आज जिस ओर भी देखें देश में एक प्रकार की अफरा-तफरी जैसा माहौल बना हुआ है। चारों ओर से लूटमार, चोरी-डकैती, अपहरण और बलात्कार के अशांत और परेशान करने वाले समाचार आ रहे...

आज जिस ओर भी देखें देश में एक प्रकार की अफरा-तफरी जैसा माहौल बना हुआ है। चारों ओर से लूटमार, चोरी-डकैती, अपहरण और बलात्कार के अशांत और परेशान करने वाले समाचार आ रहे हैं। कोई भी दिन ऐसा नहीं गुजरता जब समाचार पत्र कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने वाली घटनाओं के समाचारों से न भरे पड़े हों। ऐसे वातावरण में कभी-कभार मन को सुकून देने वाले समाचार भी पढ़ने को मिल जाते हैं जिनसे यह संदेश जाता है कि देश में अच्छाई की शक्तियां भी अभी मौजूद हैं। इसकी पुष्टि में हम दो समाचार यहां प्रस्तुत कर रहे हैं।

योगी सरकार ने अधिकारियों की फिजूलखर्ची पर लगाई रोक
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सरकारी विभागों में फिजूलखर्ची रोकने के लिए सख्त आदेश जारी किए हैं। सरकार ने अपने अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे विदेश यात्राओं में कटौती करें, जरूरत पडऩे पर इकोनोमी क्लास में ही यात्रा करें, पांच सितारा होटलों में लंच और डिनर मीटिंगों का आयोजन न करें और यदि करना ही पड़े तो इसके लिए पहले मुख्य सचिव से अनुमति लें। प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे द्वारा इस बारे जारी 18 सूत्रीय आदेश के अनुसार अधिकारियों को आफिस स्टेशनरी, फर्नीचर और गद्दे-पर्दे आदि पर खर्चों में कटौती करने के लिए कहा गया है।

आदेश के अनुसार किसी अधिकारी के बदल जाने का मतलब यह नहीं है कि उसके स्थान पर आने वाले नए अधिकारी के लिए नए फर्नीचर और नई साज-सज्जा आदि की व्यवस्था की जाए। इसी आदेश में यह भी कहा गया है कि सरकारी अधिकारी अपने दौरे अपरिहार्य और जरूरी कामों तक ही सीमित रखें। विकास कार्यों के लिए सरकारी कोष का अधिकतम इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए प्रशासकीय खर्चों में कटौती करने की जरूरत पर भी बल दिया गया है। आदेश के अनुसार पिछले दशक में वर्क कल्चर बहुत अधिक बदला है तथा कम्प्यूटरीकरण के कारण कुछ सैक्टरों में कर्मचारियों पर काम का बोझ भी घट गया है। अनेक पद ‘फालतू’ हो गए हैं तथा उन पर तैनात कर्मचारियों को यथासंभव बेहतरीन तरीके से दूसरे विभागों में इस्तेमाल किया जा रहा है। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि नए पुलिस और चिकित्सा विभागों के अलावा अन्य विभागों में नए पदों को स्वीकृति नहीं दी जानी चाहिए।

खाप पंचायत का सराहनीय फैसला
इसी प्रकार एक जनहितकारी निर्णय हरियाणा के जींद में ‘ढुल खाप’ के सदस्यों ने लिया है। इसके अनुसार उक्त खाप के सदस्य दहेज का लेन-देन नहीं करेंगे व इसके साथ ही खाप की सभी गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। पंचायत में कहा गया कि यह खाप दहेज के बिल्कुल विरुद्ध हैं तथा दहेज के लेन-देन पर पूर्णत: रोक लगाती है। जिले के ‘इक्कस’ गांव में हुई उक्त खाप की पंचायत में देश के विभिन्न भागों से जाट समुदाय के प्रतिनिधियों ने भाग लेकर सामाजिक सुधारों संबंधी उठाए जाने वाले पगों पर विचार किया। इस पंचायत में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया तथा सामाजिक उत्थान के लिए विभिन्न पग उठाने पर सहमति व्यक्त की।

खाप के अध्यक्ष श्री इंद्र सिंह ढुल की अध्यक्षता में हुई बैठक में खाप पंचायत की गतिविधियों में लोगों की सहमति से महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा शादी-विवाहों के अवसर पर हथियार लेकर जाने पर रोक लगाने और गांवों में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हर गांव में स्टेडियम के निर्माण का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर श्री ढुल ने कहा कि महिलाओं के उत्थान और समाज में उनकी भागीदारी बढ़ाने का समय अब आ गया है जिसके लिए इस सभा में भाग लेने वाले सभी लोगों ने हाथ उठाकर सहमति व्यक्त की।

आज के निराशाजनक वातावरण में उक्त दोनों ही समाचार सरकारी एवं निजी स्तर पर एक सकारात्मक बदलाव का संकेत देते हैं। यदि सभी राज्यों की सरकारें इसी प्रकार अपने खर्चों में कटौती करने और पंचायतें सामाजिक सुधार की दिशा में पग उठाएं तो देश का नक्शा बदलने में बहुत देर नहीं लगेगी। आवश्यकता इस तरह के सुधारों को बढ़ाने और पूरी ईमानदारी तथा कठोरता के साथ लागू करने की है।     —विजय कुमार

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