‘नशा छुड़ाने के नाम पर’ देश में चल रहे ‘उत्पीड़न के अवैध अड्डे’

Edited By ,Updated: 11 Feb, 2020 12:54 AM

in the name of drug addiction illegal bases of oppression running in country

देश में एक ओर जहां तरह-तरह के नशों का सेवन बढ़ रहा है वहीं नशा छुड़ाने के नाम पर खोले गए अवैध नशा मुक्ति केंद्रों में नशा पीड़ित लोगों को न सिर्फ इलाज के नाम पर दूसरी नशीली दवाएं दी जा रही हैं वहीं उनके वारिसों से भारी-भरकम फीस वसूल कर लूटा भी जा रहा...

देश में एक ओर जहां तरह-तरह के नशों का सेवन बढ़ रहा है वहीं नशा छुड़ाने के नाम पर खोले गए अवैध नशा मुक्ति केंद्रों में नशा पीड़ित लोगों को न सिर्फ इलाज के नाम पर दूसरी नशीली दवाएं दी जा रही हैं वहीं उनके वारिसों से भारी-भरकम फीस वसूल कर लूटा भी जा रहा है। यही नहीं अनेक नशा मुक्ति केंद्रों में तो उपचाराधीन रोगियों को तरह-तरह से उत्पीड़ित और प्रताडि़त करने के अलावा बंधक तक बनाकर रखे जाने की शिकायतें हैं, जो निम्र घटनाओं से सिद्ध होता है : 

18 जनवरी, 2019 को उत्तराखंड में ऊधम सिंह नगर के गांव धर्मपुर में बिना मंजूरी चल रहे अवैध नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती एक मरीज की संदिग्ध हालात में मृत्यु हो गई। परिजनों ने शव की खराब हालत देखकर संचालकों पर मरीज को यातनाएं देने का आरोप लगाया। 24 फरवरी, 2019 को सोनीपत के एक अवैध नशा मुक्ति केंद्र में नशा छुड़ाने के लिए भर्ती हुए शराब पीने के आदी एक युवक को वहां के कर्मचारियों ने इतना प्रताडि़त किया कि उसकी मौत हो गई। पुलिस ने केंद्र में लगे सी.सी.टी.वी. फुटेज की जांच की तो उसमें केंद्र के दो कर्मचारी मृत युवक पर रजाई डाल कर उसके शरीर तथा मुंह के ऊपर बैठे नजर आए। 

14 अप्रैल, 2019 को राजस्थान के ‘नीम का थाना’ कस्बे में चलाए जा रहे अवैध नशा मुक्ति केंद्र पर मारे गए छापे के दौरान शराब और अन्य नशों की लत से पीड़ित लोगों को इलाज के नाम पर नशीली दवाइयां खिलाने का पता चला और छापा मार टीम ने वहां से भारी मात्रा में नशीली दवाएं बरामद कीं। 31 मई, 2019 को पिंजौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव जल्लाह में अवैध रूप से चलाए जा रहे नशा मुक्ति केंद्र में बदतर हालत में बंदी बनाकर रखे गए 23 नशा पीड़ितों को छुड़ाया गया। यहां संचालकों का कहना न मानने पर नशा पीड़ितों की डंडों से पिटाई की जाती थी और किसी के सिर के बाल तो किसी की आधी मूंछें काट दी जातीं। 

27 सितम्बर, 2019 को गोराया के गांव जंजाकलां में बिना मंजूरी के चल रहे अवैध नशा मुक्ति केंद्र पर छापा मार कर 16 रोगियों को मुक्त करवाया गया। इस सिलसिले में पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार भी किया। केंद्र में नशा छुड़वाने के बहाने पीड़ितों से बुरी तरह मारपीट की जाती थी। 19 नवम्बर, 2019 को मुरादाबाद में राम गंगा विहार स्थित अवैध नशा मुक्ति केंद्र और उसके संचालक के घर का ताला तोड़ कर वहां इलाज के नाम पर बंधक बनाकर रखे गए 35 युवकों को मुक्त करवाया गया। 03 जनवरी, 2020 को संगरिया में एक अवैध नशा मुक्ति केंद्र  में उपचाराधीन युवक की यातनाओं के परिणामस्वरूप मौत हो गई। मृतक के शरीर पर कई चोटों के निशान थे और उसके शरीर के नीचे और पीछे का हिस्सा जला हुआ था। 

02 फरवरी, 2020 को शराब की लत छोडऩे के लिए फिरोजपुर के गांव चंदड़ स्थित प्राइवेट नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती एक युवक के अनुसार वहां उसके साथ बुरे तरीके से मारपीट की गई। उसने आरोप लगाया कि नशा छुड़ाओ केंद्रों में अमानवीय व्यवहार और आर्थिक शोषण के साथ-साथ मानसिक शोषण भी करते हैं और जो उनकी बात नहीं मानता उसके साथ मारपीट और बुरा व्यवहार किया जाता है। कुल मिलाकर अवैध रूप से चलाए जा रहे अधिकांश तथाकथित नशामुक्ति केंद्रों में पीड़ितों का इलाज करने के नाम पर उनको लूटा तथा मानसिक और शारीरिक रूप से उनका शोषण ही किया जा रहा है।

संबंधित अधिकारियों को इस बारे संज्ञान लेते हुए ऐसे तथाकथित और अवैध नशा मुक्ति केंद्रों पर कार्रवाई करके पीड़ित और दुखी लोगों को इनके शोषण से बचाना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि सरकारी अस्पतालों में नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना और विस्तार किया जाए ताकि इलाज के इच्छुक नशा पीड़ितों को निजी तथाकथित अवैध नशा मुक्ति केंद्रों में जाकर लूट और उत्पीडऩ का शिकार न होना पड़े तथा उनका सही इलाज हो सके।—विजय कुमार

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