नेपाल, पाकिस्तान, मालदीव जैसे देशों के साथ भारत की बढ़ रही दूरियां

Edited By ,Updated: 06 Mar, 2024 04:02 AM

india s growing distance with countries like nepal pakistan maldives

भारत समर्थक ‘नेपाली कांग्रेस’ से हाथ मिलाकर ‘नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र)’ के नेता पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने  25 दिसम्बर, 2022 को सरकार बनाई तो इससे यह आशा बंधी थी कि पूर्व चीन समर्थक प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के शासन में भारत-नेपाल...

भारत समर्थक ‘नेपाली कांग्रेस’ से हाथ मिलाकर ‘नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र)’ के नेता पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने  25 दिसम्बर, 2022 को सरकार बनाई तो इससे यह आशा बंधी थी कि पूर्व चीन समर्थक प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के शासन में भारत-नेपाल संबंधों में जो बिगाड़ आया था, उसमें सुधार होगा और इसके कुछ संकेत दिखाई भी दे रहे थे। 

परन्तु एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम में पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने ‘नेपाली कांग्रेस’ के साथ अपना गठबंधन 4 मार्च को समाप्त करके अपने कट्टर आलोचक रहे के.पी. शर्मा ओली की चीन समर्थक नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत माक्र्सवादी-लेनिनवादी) के साथ नया गठबंधन करके नई सरकार बना ली। जानकारों के अनुसार प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ द्वारा फिर से देश में कम्युनिस्ट सरकार बनाने के पीछे चीन का हाथ है, जो नेपाल में अपने महत्वाकांक्षी बी.आर.आई. प्रोजैक्ट में देरी होने से नाराज है। नेपाल में चीन के राजदूत ‘चेंग सोंग’ ने हाल ही में के.पी. शर्मा ओली सहित कई चीन समर्थक नेताओं से गुप्त मुलाकातें भी की थीं जबकि ‘नेपाली कांग्रेस’ चीन से कर्ज लेकर वहां इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की हमेशा से आलोचना करती आ रही थी जो दोनों पाॢटयों में मतभेदों का कारण बनी। 

पाकिस्तान में नए बने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से उम्मीद थी कि वह भारत से सम्बन्ध सुधारने की पहल करेंगे परन्तु उन्होंने तो पद ग्रहण करते ही कश्मीर का राग अलाप कर इस उम्मीद को भी धूमिल कर दिया है। ‘मालदीव’ के साथ भी भारत के संबंध सामान्य नहीं हैं। उसके नए राष्ट्रपति ‘मुइज्जू’ की मालदीव से भारतीय सैनिक वापस बुलाने की मांग के बाद दोनों देशों के सम्बन्धों में  तनाव आ गया है जबकि पूर्व राष्ट्रपति ‘इब्राहिम सोलिह’ के साथ भारत के सम्बन्ध किसी सीमा तक अच्छे थे। इसे विडम्बना ही कहा जाएगा कि विश्व राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारत के नेपाल और पाकिस्तान जैसे निकटतम पड़ोसियों  तथा मालदीव जैसे देशों के साथ संबंध लगातार कटु बने हुए हैं। 

निश्चय ही यह केंद्र सरकार के लिए सोचने की घड़ी है कि बड़े-बड़े देशों के साथ सम्बन्ध बेहतर बनाने के बावजूद वे साथ लगते और निकटवर्ती छोटे-छोटे देशों को अपने प्रभाव में लाने में क्यों सफल नहीं हो रहे हैं।—विजय कुमार

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