‘झोला छाप’ डाक्टर कर रहे लोगों की जिंदगी से खिलवाड़!

Edited By Updated: 25 Nov, 2025 04:10 AM

quack doctors are playing with people s lives

सरकार के भरसक प्रयासों के बावजूद अभी भी देश में स्वास्थ्य सेवाएं आम लोगों की पहुंच से दूर होने के कारण बड़ी संख्या में विशेषकर ग्रामीण तथा आदिवासी क्षेत्रों के लोग इलाज के लिए ‘झोला छाप’ डाक्टरों (नीम हकीमों) के पास जाने को मजबूर हैं।

सरकार के भरसक प्रयासों के बावजूद अभी भी देश में स्वास्थ्य सेवाएं आम लोगों की पहुंच से दूर होने के कारण बड़ी संख्या में विशेषकर ग्रामीण तथा आदिवासी क्षेत्रों के लोग इलाज के लिए ‘झोला छाप’ डाक्टरों (नीम हकीमों) के पास जाने को मजबूर हैं। इनके पास कोई मैडीकल डिग्री व मैडीकल प्रशिक्षण नहीं होता। इस कारण कई बार गलत दवा दे देने से रोगी की हालत बिगड़ जाने के कारण उसकी जान तक चली जाती है, जिसकी पिछले 4 महीनों की घटनाएं निम्न में दर्ज हैं: 

* 20 अगस्त को ‘कैमूर’ (बिहार) में एक ‘झोला छाप’ डाक्टर द्वारा चलाए जा रहे ‘अस्पताल’ में आप्रेशन के दौरान एक महिला की मौत हो गई जिसके बाद ‘डाक्टर’ और उसके स्टाफ के सदस्य वहां से फरार हो गए। 
* 13 सितम्बर को ‘शहडोल’ (मध्य प्रदेश) में पैर की चोट के घाव का इलाज करवाने गए एक युवक के घाव पर ‘झोला छाप’ डाक्टर ने मरहम लगाकर पट्टïी करने के बाद उसे कोई इंजैक्शन लगा दिया जिससे युवक की हालत बिगड़ गई और सरकारी अस्पताल ले जाते हुए रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। 
* 24 सितम्बर को ‘आगरा’ (उत्तर प्रदेश) में एक महिला की पेट दर्द के इलाज के दौरान मौत हो जाने पर उसका शव अपने क्लीनिक में ही छोड़ कर ‘झोला छाप’ डाक्टर फरार हो गया। 
* 7 अक्तूबर को ‘सिहोर’ (मध्य प्रदेश) जिले के ‘पिपलरिया मीरा’ गांव के ‘झोला छाप’ डाक्टर के पास इलाज के लिए लाई गई एक 2 वर्षीय बच्ची को डाक्टर द्वारा गलत इंजैक्शन लगा देने से वह ‘कोमा’ में चली गर्ई।
* 9 अक्तूबर को ‘पेंडरा’ (छत्तीसगढ़) जिले के ‘सिलपहरी’ गांव में उल्टी और दस्त के इलाज के लिए एक ‘झोला छाप’ डाक्टर के पास लाई गई बच्ची को डाक्टर द्वारा लगातार कई तरह की गोलियां खिलाने और इंजैक्शन लगाने से उसकी तबीयत और बिगड़ गई तथा उसकी मौत हो गई। 

* 17 अक्तूबर को ‘खंडवा’ (मध्य प्रदेश) के ‘पिपलोद’ में एक ‘झोला छाप’ डाक्टर के गलत इंजैक्शन लगाने से 2 वर्ष के एक बच्चे की हालत सुधरने की बजाय और भी खराब हो जाने से उसने दम तोड़ दिया।   
* 18 अक्तूबर को ‘पलामू’ (झारखंड) जिले के ‘हुसैनाबाद’ में एक ‘झोला छाप’ डाक्टर द्वारा एक महिला के इलाज के दौरान उसकी तबीयत बिगड़ जाने के कारण उसकी जान चली गई। 
* 14 नवम्बर को ‘गोंडा’ (उत्तर प्रदेश) के ‘वजीरगंज’ में बुखार और शरीर में दर्द की शिकायत के कारण एक ‘झोला छाप’ डाक्टर के पास दवाई लेने गए ‘राम शरण’ नामक व्यक्ति को डाक्टर द्वारा गलत इंजैक्शन लगा देने से ‘राम शरण’ की मौत हो गई।    
* 20 नवम्बर को ‘फर्रुखाबाद’ (उत्तर प्रदेश) के ‘कायमगंज’ में एक ‘झोला छाप’ डाक्टर ने कंधे में दर्द की दवाई लेने गए युवक को ऐसा इंजैक्शन लगाया कि उसकी तबीयत और भी बिगड़ गई तथा वह जान से हाथ धो बैठा। 
* और अब 23 नवम्बर को ‘बेंगलूरू’ (कर्नाटक) में एक इंजीनियर द्वारा ‘झोला छाप’ डाक्टर से अपनी सैक्स सम्बन्धी समस्या का इलाज  करवाने के चक्कर में ठगे जाने का मामला सामने आया है। 

‘झोला छाप’ डाक्टर ने अपने खास इलाज द्वारा उसकी समस्या हमेशा के लिए दूर कर देने का आश्वासन दिया लेकिन उसे कोई लाभ नहीं हुआ उल्टे वह इंजीनियर भारी-भरकम रकम से हाथ धो बैठा। 
हालांकि भारत में ‘झोला छाप’ डाक्टरों को रोकने के लिए ‘नैशनल मैडीकल कमीशन एक्ट’, ‘इंडियन मैडीकल डिग्री एक्ट’, ‘ड्रग्स एंड कास्मैटिक्स एक्ट’ और ‘क्लिनिकल एस्टैब्लिशमैंट्स एक्ट’ के अलावा ‘भारत न्याय संहिता’ तथा ‘कंज्यूमर प्रोटैक्शन  एक्ट’ के अंतर्गत कार्रवाई हो सकती है, परंतु निगरानी तंत्र कमजोर होने के कारण ऐसे डाक्टर धड़ल्ले से कारोबार कर रहे हैं। इन पर कार्रवाई करने के अलावा लोगों को भी ‘झोला छाप’ डाक्टरों से सावधान रहने के लिए जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि ‘झोला छाप’ डाक्टरों की लापरवाही से होने वाली मौतें रोकी जा सकें।-विजय कुमार

Related Story

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!