Edited By ,Updated: 13 Jul, 2016 12:28 AM
सर्वविदित है कि शराब जहर है, इसके दुष्प्रभावों से मनुष्य अनेक जानलेवा बीमारियों का शिकार होता है।
सर्वविदित है कि शराब जहर है, इसके दुष्प्रभावों से मनुष्य अनेक जानलेवा बीमारियों का शिकार होता है। इससे होने वाली मौतों और कलह-क्लेश के चलते सिर्फ परिवार ही नहीं उजड़ रहे बल्कि शराब पीकर किए जाने वाले अपराधों से कानून व्यवस्था संबंधी समस्याएं भी पैदा हो रही हैं।
परन्तु हमारे नेता तो शराब को नशा ही नहीं मानते और इसका प्रमाण देते हुए पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री श्री सुरजीत कुमार ज्याणी ने 21 दिसम्बर, 2015 को यह कह कर विवाद उत्पन्न कर दिया था कि :
‘‘शराब नशा नहीं है। सरकार शराब बेचने के लिए परमिट व बनाने के लिए लाइसैंस देती है और शराब के ठेकों से ही सरकार को आमदनी होती है। जब सब कुछ कानूनी तौर पर होता है तो फिर शराब नशा कैसे हो सकती है?’’
और अब 11 जुलाई को होशियारपुर में एक संवाददाता सम्मेलन में जब उनसे सिविल सर्जन कार्यालयों में जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने में बढ़ रही अनियमितताओं और लोगों की लूट-खसूट बारे पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘पैसे देकर जो मर्जी करवा लो, चाहे बंदा मरवा लो, यह इंडिया है। क्या आप लोगों ने सुपारी किङ्क्षलग की बात नहीं सुनी?’’
यही नहीं, एक अन्य समारोह में श्री ज्याणी ने लोगों को यात्रा के दौरान सीट बैल्ट लगाने और हैल्मेट पहनने के लिए खूब प्रेरित किया परन्तु खुद समारोह में अपनी कार में बिना सीट बैल्ट लगाए ही पहुंचे।
परन्तु श्री ज्याणी ने यह तो ठीक ही कहा था कि ‘‘हमारे देश में पैसा देकर सब कुछ करवाया जा सकता है’’ जिससे यह बात सिद्ध हो गई है कि हमारे देश में रिश्वत किस कदर हावी हो गई है। —विजय कुमार